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राजनीतिक शुचिता की महती आवश्यकता

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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गुरु गोविंद सिंह जी हमेशा एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला की बात करते थे,आज के समय में माला का अर्थ है- धर्म और भाला का अर्थ है-राजनीति। जब तक दोनों में समन्वय नहीं होगा,तब तक सम्पूर्ण क्रांति नहीं हो सकती।
जिस तरह चाणक्य और चन्द्रगुप्त,राम और विश्वामित्र,कृष्ण और अर्जुन,शिवाजी और समर्थ गुरु रामदास की युति से ही सम्पूर्ण क्रांति हुई थी,उसी तरह आज भी जरूरी है।
धर्म के क्षेत्र में तो काफी काम हो रहा है,अंधविश्वास खत्म हो रहा है,विज्ञान भी धर्म को मानने लगा है,लेकिन राजनीतिक शुचिता के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। सभी दल सिर्फ मत की राजनीति कर रहे हैं। भाई-भतीजावाद,जातिगत आरक्षण, अल्पसंख्यक और दलित तुष्टिकरण एवं पैसे का खेल ही चल रहा है,देशहित की चिंता किसी को भी नहीं है।
अधिकांश बुद्धिजीवी,चिंतक और साहित्यकार राजनीति को अछूत मानते हैं,जबकि वास्तविकता यह है कि बिना राजनीतिक शुचिता के व्यक्ति,परिवार,समाज एवं राष्ट्र का कल्याण संभव नहीं है। अस्तु अब समय आ गया है कि धर्म सत्ता से राम,कृष्ण, चन्द्रगुप्त,शिवाजी,और अर्जुन निकलें तथा देश की बागडोर सम्हालें।
इस विषय में वेदमूर्ति,तपोनिष्ठ,गायत्री सिद्ध पंडित श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित ‘वांग्मय क्रमांक ६४’ (राष्ट्र समर्थ एवं सशक्त कैसे बनें) के सूत्रों का आधार लिया जा सकता है।
हमारा देश कालांतर में जगत गुरु इसीलिए था,क्योंकि उस समय राजनीति पर धर्म का मार्गदर्शन था। हरिश्चंद्र,दशरथ,राम, कृष्ण,चन्द्रगुप्त,शिवाजी आदि सभी धर्म के अनुसार राजनीति करते थे। अगर अच्छे लोग राजनीति में भाग नहीं लेंगे,सिर्फ आलोचना ही करते रहेंगे तो भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता।

परिचय-रायपुर में बैंक में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत अमल श्रीवास्तव का वास्तविक नाम शिवशरण श्रीवास्तव हैl `अमल` इनका उपनाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैl अमल का जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैl आपने गणित विषय से बी.एस-सी.की करके बैंक में नौकरी शुरू कीl ३ विषय (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैl रामायण विशारद की भी शिक्षा प्राप्त की है,तो पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैl भारतीय संगीत में आपकी रूचि है,इसलिए संगीत में कनिष्ठ डिप्लोमा तथा ज्योतिष में भी डिप्लोमा प्राप्त किया हैl सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में खजांची, सहायक प्रबंधक,प्रबंधक आदि पदों पर काम कर चुके श्री श्रीवास्तव का वर्तमान में एम.बी.ए. जारी है,जबकि पीएच.-डी. में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। शतरंज के उत्कृष्ट खिलाड़ी,वक्ता और कवि श्री श्रीवास्तव कवि सम्मलेनों-गोष्ठियो में भाग लेते रहते हैंl मंच संचालन में महारथी अमल जी की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैl देश के नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंl रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैl विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े होकर प्रांतीय पदाधिकारी भी हैंl गायत्री परिवार से भी जुड़े होकर कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैंl महत्वपूर्ण उपलब्धि आपके प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म. प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन सहित राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना हैl

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