डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’
मुंबई (महाराष्ट्र)
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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…
जल ही जीवन…सच है मान,
जल का महत्व…ले पहचान।
जल से जन्में,जल में हीं
पले-बढ़े,हुए प्रगतिशील,
कहीं रोक रखा है पानी
कहीं पानी के लिए हाहाकार,
कहीं अकाल पड़ा है
लोग बूँद-बूँद पानी,
के लिए तरस रहे हैं
कहीं बाढ़ के पानी ने,
किया जीना दुश्वार।
कहीं टूरिस्ट रिज़ॉर्ट बना,
हो रहा है रेन डान्स
खेल रहे हैं वॉटर गेम्ज़,
हो रहा है नौका विहार
पी रहे हैं मिनरल वॉटर,
कहीं दूर तक पीने के पानी
की खोज में निकले लोग,
प्यास से मरने को मजबूर
आँखों में लिए आँसू भरपूर।
कहीं नाले का सड़ता,
बजबजाता गंदा पानी
आस-पास के लोगों,
का जीवन करता दूभर
कहीं बहती पवित्र गंगा,
लिए पावन स्वच्छ जल
हिमालय की उज्जवल,
परम्परा लिए साथ
गर्वित,गौरवान्वित,गंगा जल।
धर्मार्थ प्याऊ रहती है व्यस्त,
गर्मी के दिन जब हों सब त्रस्त
प्यासों को ख़ूब पानी पिलाती,
लू और धूप से राहत दिलाती
कुछ तो बिसलरी की बोतल ले,
गर्व से बुझाकर अपनी प्यास,
बोतलवाले मशीन के पानी
को शुद्ध समझ गटक रहे हैं,
बाज़ार द्वारा संचालित नया विश्व,
पीने के पानी का अंतर समझा रहा है।
इधर जब पड़ी ‘कोरोना’ की मार,
कहा गया हाथ धोना है बार-बार
दिन भर पानी की बहा रहे धार,
सब अपना हाथ धो रहे लगातार
ग़रीब मजदूर कैसे करे यह प्रयास,
दो बूँद पानी पीने की लगाए आस
अमीर करता रहे पानी बर्बाद,
किस तरह हो भला जन आबाद
कब जागेगी हमारी सरकार,
सबको मिले एक सा अधिकार।
जल प्रदूषण की बढ़ती मात्रा,
करती ख़तरनाक जीवन यात्रा
जनसंख्या विस्फोट गहन समस्या,
पानी का दुरुपयोग,संकट गहराया
जल संरक्षण करना अनिवार्य,
जीवन का नहीं दूसरा पर्याय
कृत्रिम जलकोषों की बढ़े तादात,
वृक्षारोपण करना रहे सबको याद
प्राकृतिक संसाधनों की कर रक्षा,
कर ले मानव अपनी जीवन सुरक्षा।
जल ही जीवन…सच है मान,
जल का महत्व…ले पहचान॥
परिचय-डॉ. आशा वीरेंद्र कुमार मिश्रा का साहित्यिक उपनाम ‘आस’ है। १९६२ में २७ फरवरी को वाराणसी में जन्म हुआ है। वर्तमान में आपका स्थाई निवास मुम्बई (महाराष्ट्र)में है। हिंदी,मराठी, अंग्रेज़ी भाषा की जानकार डॉ. मिश्रा ने एम.ए., एम.एड. सहित पीएच.-डी.(शिक्षा)की शिक्षा हासिल की है। आप सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका होकर सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत बालिका, महिला शिक्षण,स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में सक्रियता से कार्यरत हैं। इनकी लेखन विधा-गीत, ग़ज़ल,कविता एवं लेख है। कई समाचार पत्र में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। सम्मान-पुरस्कार में आपके खाते में राष्ट्रपति पुरस्कार(२०१२),महापौर पुरस्कार(२००५-बृहन्मुम्बई महानगर पालिका) सहित शिक्षण क्षेत्र में निबंध,वक्तृत्व, गायन,वाद-विवाद आदि अनेक क्षेत्रों में विभिन्न पुरस्कार दर्ज हैं। ‘आस’ की विशेष उपलब्धि-पाठ्य पुस्तक मंडल बालभारती (पुणे) महाराष्ट्र में अभ्यास क्रम सदस्य होना है। लेखनी का उद्देश्य-अपने विचारों से लोगों को अवगत कराना,वर्तमान विषयों की जानकारी देना,कल्पना शक्ति का विकास करना है। इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचंद जी हैं।
प्रेरणापुंज-स्वप्रेरित हैं,तो विशेषज्ञता-शोध कार्य की है। डॉ. मिश्रा का जीवन लक्ष्य-लोगों को सही कार्य करने के लिए प्रेरित करना,महिला शिक्षण पर विशेष बल,ज्ञानवर्धक जानकारियों का प्रसार व जिज्ञासु प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी भाषा सहज,सरल व अपनत्व से भरी हुई भाषा है।’