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यह पुस्तक हमारी संवेदनाओं को जाग्रत करेगी

लोकार्पण-संवाद…

इंदौर (मप्र)।

अतीत के अध्ययन से वर्तमान में उसकी समीक्षा होती है और भविष्य के लिए उसकी कार्ययोजना बनती है। साठ के दशक में बीसवीं सदी के संत आचार्य विनोबा भावे इंदौर में रहे और उस यात्रा की रिपोर्टिंग वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी ने की थी। उस समय की गई उनकी रिपोर्टिंग आज हमारे सामने ‘विनोबा दर्शन:विनोबा के साथ उनतालीस दिन’ पुस्तक के रूप में है। यह पुस्तक हमारी संवेदनाओं को जाग्रत करने के साथ-साथ हमें आत्मचिंतन के लिए भी प्रेरित करेगी, जो नई पीढ़ी के लिए पठनीय ही नहीं, संग्रहणीय भी है।
यह विचार प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री राजेंन्द्र शुक्ल ने इंदौर प्रेस क्लब और प्रभाष परम्परा न्यास द्वारा आयोजित लोकार्पण और संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
क्लब में इस मौके पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि, प्रभाष जी लोकमुखी व्यक्ति थे। वे ऐसे पत्रकार थे, जिनकी रिपोर्टिंग में उनका साहित्यिक व्यक्तित्व झलकता है। केवल गांधी और विनोबा ही नहीं, आज प्रभाष जी भी प्रासंगिक हैं।
पूर्व सांसद आर.के. सिन्हा ने कहा कि, इस लोकार्पण के बहाने दशकों पूर्व के पत्रकारों के साथ मिलने का एक अवसर पुन: प्राप्त हुआ, जो मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है।
गांधीवादी चिंतक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि, आचार्य विनोबा भावे ऐसी व्यक्तित्व थे, जिनका प्रभाव हम सबके जीवन पर पड़ा।
वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा कि, प्रभाष जी एक पत्रकार के साथ-साथ कथाकार भी थे। इसलिए उनकी कहानियों पर भी पुस्तक का प्रकाशन होना चाहिए।
क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि ‘विनोबा दर्शन: विनोबा के साथ उनतालीस दिन’ पुस्तक ऐसा संग्रहणीय दस्तावेज है, जो नई पीढ़ी को जरूर पढ़ना चाहिए।
पुस्तक के सम्पादक मनोज मिश्र ने कहा कि, ऐसे संग्रह को प्रकाशित करने का सौभाग्य मुझे मिला, जो मेरे लिए भी एक उपलब्धि है।
इस मौके पर प्रभाष जी की धर्मपत्नी उषा जोशी का उप-मुख्यमंत्री ने शाल ओढ़ाकर सम्मान किया, साथ ही मनोज मिश्र व संकलनकर्ता कमलेश सेन को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन से किया।
अतिथि स्वागत पद्मश्री भालू मोढ़े, कृष्णकुमार अष्ठाना, डॉ. पुष्पेन्द्र दुबे व क्लब उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने किया। प्रतीक चिह्न वरिष्ठ पत्रकार सतीश जोशी, राहुल वावीकर व मुकेश तिवारी ने भेंट किए। इस मौके पर प्रो. सरोज कुमार, गोविंद मालू, प्रो. योगेन्द्रनाथ शुक्ल, पद्मा सिंह, अजय चौरड़िया, हरेराम वाजपेयी, प्रवीण जोशी, कीर्ति राणा व अश्विन खरे आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन संजय पटेल ने किया। आभार न्यास के सहसचिव राकेश सिंह ने माना।