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राष्ट्र एकता

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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जज्बा भरी करें प्रतिज्ञा,
युवाओं को एकता का
सबक सिखाना है,
जन-जन में जागृति लाना है।

एकता मूल मंत्र विकास का,
देश के सुनहरे प्रकाश का
जब तक रहेगीं साठ-गांठ,
राष्ट्रीय एकता का न होगा विकास
इसके उद्धार में हैं आलोकिक प्रकाश।

प्रेम से हिल-मिल बाँटें सबमें,
एक भूमि का टुकड़ा नहीं मेरा देश
यह हमारी माँ का सुन्दर परिवेश
इसकी शान बढ़ाना है,
देश में अखंडता का सबक सिखाना है।

एकता में सुनहरा पल है,
एकता में संबल है
जिस देश में नहीं,वह दुर्बल है।

सबके साथ है सबका विकास,
एकता के सूत्र में बँध जाएँ
एकता का ध्वज फहराएँ॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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