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‘शहंशाह’ वाकई हकदार हैं दादा साहेब फाल्के सम्मान के

इदरीस खत्री
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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इस सम्मान पर चर्चा से पहले यह कि,दादा साहेब कौन थे और भारतीय सिनेमा में क्या योगदान था,समझ लेते हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक या पिता कहे जाते हैं। भारत भूमि को पहली चलचित्र फीचर फ़िल्म इन्हीं की सौगात थी। देश के सिनेमा का अति गौरवपूर्ण,प्रतिष्ठित सम्मान इन्हीं की याद में दिया जाता है। यह सम्मान केन्द्र सरकार द्वारा अनुमोदित ज्यूरी सदस्यों द्वारा चयन कर के घोषणा की जाती है।
भारतीय सिनेमा में योगदान का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के सम्मान ही है,जो अब तक न केवल अभिनय के क्षेत्र में दिया गया,वरन निर्देशन,संगीत,लेखन,मौसिकी के क्षेत्र में भी दिया गया है। इनकी कुल संख्या ५० होने जा रही है। अभिनय के क्षेत्र में यह सम्मान अब तक २२ अदाकारों को दिया जा चुका है,अमिताभ बच्चन २३ पर आते हैं।
‘बिग बी’ से पहले यह सम्मान देविका रानी, राजकपूर,दिलीपकुमार,प्राण,देव आनन्द, शशिकपूर,मनोज कुमार एवं विनोद खन्ना को दिया जा चुका है। पृथ्वीराज कपूर को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया था।
अब चर्चा सदी के महानायक पर तो इन्होंने १९६९में रुपहले पर्दे पर ‘हम सात हिंदुस्तानी’ फ़िल्म से शुरुआत की थी। अमित जी का फिल्मी सफर पांच दशक पूरे कर चुका है, जिसमें उनकी फिल्मों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि गिना पाना मुश्किल ही है। फिर भी २०० फिल्मों के लंबे सफर के साथ खुद को परिस्थिति,पटकथा के अनुसार ढाल कर सतत अभिनय करते रहना बड़ी बात है,देश में शायद ही कोई अभिनेता उनके आसपास भी दिखाई देता हो। देश में एंग्री यंग मैन लकब(पदवी,ख़िताब,गुण,योग्यता अथवा
पदसूचक नाम,जैसे-राष्ट्रपिता)की शुरूआत भारतीय सिनेमा में इन्हीं से हुई,जो आज तक कायम है। ‘शहंशाह,तूफान,जादूगर,मर्द, कालिया,नटवरलाल,बादशाह खान’ जैसे कई फिल्मी लक़ब इनसे शुरू होकर इन पर ही खत्म होते गए।
अमित जी सिनेमा की वह ‘दीवार’ बन कर खड़े हैं,जो अज़र अमर रहेगी। वैसे तो आपको मिले सम्मान और पुरस्कार की फ़ेहरिस्त लम्बी है,फिर भी कुछ खास बड़े सम्मान का जिक्र कर लेते हैं-फ़िल्म फेयर सम्मान-१४ बार,पद्मश्री-१९८४,पदम् भूषण- २००१,पदम् विभूषण-२०१५ के साथ ४ बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी सम्मान स्वरूप पा चुके हैं। इसमें ‘अग्निपथ-१९९०,ब्लैक-२००५, पा-२००९,पीकू-२०१५’ उल्लेखनीय हैं।
दोस्तों,कई बार सम्मान या पुरस्कार किसी शख्सियत के लिए तब मायने नहीं रखते,जब कि उस शख्स की शख्सियत ही इस कदर महान हो जाती है। अमिताभ बच्चन,विश्व सिनेमा में भारतीय सिनेमा के पर्याय माने जाते हैं। भारतीय सिनेमा ‘बिग बी’ के बिना अधूरा-सा लगता है। बिग बी,एंग्री यंग मैन, महानायक उर्फ अमिताभ बच्चन असल में इस सम्मान के हकदार भी हैं।

परिचय : इंदौर शहर के अभिनय जगत में १९९३ से सतत रंगकर्म में इदरीस खत्री सक्रिय हैं,इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग १३० नाटक और १००० से ज्यादा शो में काम किया है। देअविवि के नाट्य दल को बतौर निर्देशक ११ बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में देने के साथ ही लगभग ३५ कार्यशालाएं,१० लघु फिल्म और ३ हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। आप इसी शहर में ही रहकर अभिनय अकादमी संचालित करते हैं,जहाँ प्रशिक्षण देते हैं। करीब दस साल से एक नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं। फिलहाल श्री खत्री मुम्बई के एक प्रोडक्शन हाउस में अभिनय प्रशिक्षक हैंl आप टीवी धारावाहिकों तथा फ़िल्म लेखन में सक्रिय हैंl १९ लघु फिल्मों में अभिनय कर चुके श्री खत्री का निवास इसी शहर में हैl आप वर्तमान में एक दैनिक समाचार-पत्र एवं पोर्टल में फ़िल्म सम्पादक के रूप में कार्यरत हैंl

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