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साहित्य के निर्भीक और बेबाक प्रवक्ता हैं सिद्धेश्वर

पटना (बिहार)।

भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के अध्यक्ष, लघुकथाकार एवं चित्रकार सिद्धेश्वर जी ने बहुत कम समय में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। नवोदित रचनाकारों को बिना किसी भेदभाव के प्रोत्साहित और उत्साहवर्धन करना इनकी विशेषता है। सिद्धेश्वर जी साहित्य के निर्भीक और बेबाक टिप्पणीकार हैं। अपने ऊपर की गई आलोचनाओं की परवाह वे कतई नहीं करते। सिद्धेश्वर जी ने सेवानिवृत्ति के पश्चात सोशल मीडिया का सदुपयोग बहुत ही कारगर तरीके से किया है। इसके माध्यम से इन्होंने साहित्य और कला की जो सेवा की है वह अतुलनीय है।
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में आभासी माध्यम में सिद्धेश्वर के साहित्य विविधा एकल पाठ के मुख्य अतिथि और वरिष्ठ शायर प्रेमकिरण ने यह उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर सिद्धेश्वर ने एक से बढ़कर एक कविता, गीत, ग़ज़ल और नज़्म का भी पाठ किया। खुशियाँ हैं बहुत कम और अरमान बहुत हैं !, दुनिया में भी सब लोग परेशान बहुत हैं॥’ जैसी अनेक रचना की झड़ी आपने लगाई। इसके अतिरिक्त हम होंगे कामयाब (कहानी का अंश) सहित बुझे हुए चेहरे का सच, गटर का आदमी और माँ आदि शीर्षक से लघुकथाओं का पाठ भी किया।
सिद्धेश्वर की कविता, लघुकथा एवं उनके व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए युवा कवयित्री रजनी श्रीवास्तव अनंता ने कहा कि, अर्थपूर्णं सुंदर कलाकृतियाँ, बेहतरीन लघुकथाओं और खूबसूरत ग़ज़लों के रचयिता साहित्यकार और कलाकार सिद्धेश्वर जी हैं।
एकल पाठ की अध्यक्षता करते हुए सुप्रतिष्ठित लेखिका अनिता रश्मि ने कहा कि, सिद्धेश्वर जी की लघु कथाएं आत्म मंथन करने वाले प्रश्न खड़ा करने में सक्षम हैं।
विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ. शरद नारायण खरे (मप्र) ने कहा कि, सुपरिचित सिद्धेश्वर जी एक सधे हुए परिपक्व व मौलिक सृजक हैं। लेखिका राज प्रिया रानी एवं परिषद् की सचिव ऋचा वर्मा ने कहा कि, एक मंजे हुए साहित्यकार की भूमिका में उन्होंने देशभर के उत्कृष्ट से नवोदित साहित्यकारों तक को इस मंच से जोड़ा, एक-दूसरे से परिचित होने का अवसर प्रदान किया। कवयित्री विजया कुमारी मौर्य ने कहा कि, सिद्धेश्वर जी का डंका अब पूरे देश में बज रहा है। सम्पादिका निरुपमा सिन्हा वर्मा ने कहा कि, एक लेखक के तौर पर उनकी रचनाओं के बारे में बात की जाए या फिर उनकी कलाकृतियों के बारे में, सभी लाजवाब होती हैं।
इनके अतिरिक्त टिप्पणी प्रस्तुत करने वाले में निर्मल कुमार डे, सुहेल फारुकी, सुधा पांडे, प्रियंका श्रीवास्तव शुभ्र, चैतन्य किरण, शैलेंद्र सिंह और नीलम श्रीवास्तव आदि प्रमुख रहे।

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