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शिक्षा शिल्पकार महामना

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ 
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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भाग्य भगवान विधाता का व्याख्याता धैर्य धीर-वीर गंभीर,
महिमा महत्व का व्यक्ति व्यक्तित्व सत्य का साधक युग राष्ट्र समाज के उधभव विकास का आराधक।
युवा उत्साह उमंग की प्रेरणा प्रश्ननग परिणाम का शौर्य शंखनाद,
गरिमा गर्व उत्कर्ष विराटता का वैभव का जीवेत जाग्रत सिद्धान्त। कल्पना परिकल्पना का अन्वेषक विज्ञान-ज्ञान कर्म-धर्म का उत्सर्ग।
सत्य की अवधारणा की नित्य निरंतरता का शोध-बोध मर्म मर्मज्ञ शांत चित्त निर्विकार ब्रह्म ब्रह्मांड की सत्ता का सत्य अनंत की सार्थकता का आत्म प्रकाश,
सौम्य हुंकार निष्ठा की वचन वद्धता का पराक्रम पुरूषार्थ।
विष्णु की व्यवहारिकता शिव की शक्ति ब्रम्हा के निर्माण की विशेषता का युग प्रतिनिधि प्रमाणिकता प्रमाण के जन्म जीवन का का मालवीय।
वक्त अधिवक्ता माँ भारती की विलक्षण प्रतिभा की संतान निःस्वार्थ सेवा का वृति त्याग तपस्या का तपसी महामना,
मानव मानवता मूल्यों का सजग प्रहरी क्षमा दया करुणा का संदेस युग संचारl
यथार्थ युग ब्राह्म की संस्कृत संस्कार का युग सत्कार,
घृणा द्वेष दम्भ अहंकार का प्रतिकार युग प्रतिनिधि प्रतिनिधित्व का शाहकार की मर्यादा का मोहन महामना महान।
न्याय की आवाज़,अन्याय का प्रहार आज़ादी का अपना अंदाज़,
देव देवालय के देवों की आस्था विश्वास शिक्षा के मंदिर का भिक्षा की भव्यता के शिक्षा मंदिर का शिल्पकार,
इरादों का फौलाद साहस हिम्मत हौंसलों का जज्बा जज्बात।
अवनि अम्बर का नित निरन्तर प्रखर निखर का युग युवा का वर्तमान,
असहाय कमजोर की उर्जा अधिकार का पत्रकार बहुमुखी आयाम का युग अध्यायll

परिचय–एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।

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