नारी की श्रद्धा
सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** नारी तुम केवल एक श्रद्धा हो, नारायण है परछाई तेरी दुर्गा बन असुरों का संहार किया, कल्याणी बन सुर को तार दिया। नारी है देश प्रेम की गौरव-गाथा, नारी है विश्व-विधाता,ज्ञान पताका। नारी के बल का तौल नहीं,सतीत्व है पहचान, त्रिदेव झूले पलने,बनकर बाल भगवान। नारी ममता की मूरत,करूणा का सागर, … Read more