कभी सोचा है…

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** कभी सोचा है ये शायरी कैसे बनाता हूँ, तुझपे लिखी शायरी तुझको सुनाता हूँ। तुझसे बातें होते ही सुकूं मिलता है दिल को, तुझे…

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ओस की बूँदें

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** धरती पर है ओस की,बूँदें देख हजार। मोती आभा हैं लिए,किरणों की बौछार॥ रात चाँदनी में दिखे,सुन्दरतम् मनुहार। दुग्ध धवल-सी ज्योत्सना,छाई छटा बहार॥…

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जाडे़ की धूप………..

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* जाड़े की गुनगुनाती, धूप की एक किरण, कैद करना हूँ चाहती अपनी मुट्ठी में। बंद दरवाजे खिड़कियों से झांकती, धीमे से छेड़ जाती…

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माँ रोज-रोज मरती है…

डॉ. वसुधा कामत बैलहोंगल(कर्नाटक) ******************************************************************* माँ तो माँ होती है, फिर भी पराया धन कहलाती है। रोज-रोज करती है, हँसते-हँसते सबकी सेवा सबके लिए जीती है। कभी इच्छा जताती नहीं,…

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‘कल्पेश’ को मिलेगा ‘स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय युवा रत्न सम्मान २०२०’

जयपुर (राजस्थान)। स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट द्वारा माँ गंगा और यमुना की कल-कल बहती पावन धारा के मध्य माँ गंगा सेना शिविर द्वारा प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) में राष्ट्रीय युवा संसद का…

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१९ को अधिवेशन: कविता और सुलेख स्पर्धा भी

दौसा(राजस्थान)। कवि कृष्ण कुमार सैनी के अथक प्रयासों से दौसा जिला क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय कवि चौपाल संस्थान के माध्यम से गत 3 वर्ष से विविध कार्यक्रम जारी है। इसी…

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वो कामवाली

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* वो १५-१६ साल की साधारण-सी दिखने वाली लड़की थी।पहनावे और व्यवहार से गरीब और असहाय दिख रही थी। दवाई की दुकान में आकर…

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उन्नीस-बीस

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** आओ मिलकर करें विदाई, हँसकर वर्ष उन्नीस की। स्वागत भी हो उसी धुन में, नव वर्ष इस बीस का॥ कर लें हम पूरे अपने कर्म,…

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बिन मौसम बरसात

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बिन मौसम बरसात हो गई, बूंदों की बौछार हो गई बदली जग ने काया, मेरा मन हर्षाया...l थोड़ा-सा शरमाया...ll ठंडी-ठंडी पवन चले, हाय ये हमको सर्दी…

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गुरु वंदन

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* कृपा गुरुदेव की मुझ पर, मुझे किस बात की चिंता। चरण रज पा लिया मैंने, तो फिर किस बात की चिंता॥ मेरे खाने की,पीने की, मेरे…

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