अंजुरी भर

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** भावनाओं ने कहा तो अंजुरी भर गीत ले कर आ रहे हम। विघ्न भी हैं सघन राह में निशिचर खड़े आघात को तम। संगठित निशिचर…

0 Comments

लेकिन

सोमा सिंह 'विशेष' गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** लेकिन ने छीन ली न जाने, कितने होंठों से सच्चाई। लेकिन की बलि चढ़ी, न जाने कितने-कितनों की अच्छाई। लेकिन की खातिर सीता को, र्गभावस्था…

0 Comments

कब तक प्रतिभा को मारोगे ?

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* आज मरे हैं सौ बच्चे, कल सौ लोगों की आँख गई थी। परसों कितने पुल टूटे थे, नरसों कितनी जान गई थी। आखिर वोट बैंक की…

0 Comments

मासूम की समझ

रणदीप याज्ञिक ‘रण’  उरई(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************** ६ वर्षीय गुनगुन अपने विद्यालय का होमवर्क कर रही थी। होमवर्क में-केले के छिलके,सोता हुआ व्यक्ति और पैदल चलते व्यक्ति के चित्र बने थे,जिन्हें-कूड़ेदान,बैडरूम तथा…

0 Comments

शीत का कहर

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* शीत का कहर कुछ, इस कदर बढ़ गया है। रूह भी बेहोश है यहां, शरीर काँप रहा है। जरा चेहरे के हाल देखो, गाल…

0 Comments

`पत्र तुम्हारे लिए` लुप्तप्राय विधा हेतु एक सशक्त प्रयास

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आकर्षक आवरण वह भी विषयवस्तु के अनुसार `पत्र तुम्हारे लिए` पुस्तक है। साहित्य जगत उसमें समाज के सन्देश के आदान-प्रदान वाली कभी लोकप्रिय रहने वाली…

0 Comments

नया साल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** "राकेश,तुम सुबह-सुबह कहां जा रहे हो ?" "अंकल जी,नमस्कार। हैप्पी न्यू इयर। अरे अंकल जी,आज नये साल का पहला दिन है,इसलिए मैं अपनी पार्टी…

0 Comments

लो शपथ सब जन

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नफरतों से कुछ भी, हासिल नहीं होगा। प्यार से रहकर, एक बार तो देखो। जहाँ पर भारत खड़ा है, वहां से भारत सोने की चिड़िया बन…

0 Comments

समय हूँ,तूफान हूँ

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** मैं समय हूँ, मैं प्रलय हूँ रोकना मुझको कठिन है, टोकना मुझको कठिन है आता हूँ,जब मौज़ चाहे, जाता हूँ,जब मौज़ चाहे मोड़ना मुझको कठिन…

0 Comments

समय का पहिया

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** क्षण बीते पल बीते-बीते दिनों-दिन, बारह महीने बीते ज्यों-ज्यों आया नव वर्ष का शुभ दिन, बधाईयों की झंकार से विश्व प्रफुल्लित। उन्नीस-बीस का अन्तर कहीं पर…

0 Comments