माँ की नज़र में बेटा-बेटी
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** आँगन की फुलवारी को महकाती हैं बेटियाँ,माँ की बहुत दुलारी हो जाती हैं बेटियाँ। बेटा-बेटी होते माँ की आंख के तारे,घर में सभी पे प्यार लुटाती हैं बेटियाँ। आते हैं जब कभी भी माँ की आँख में आँसू,उन आँसूओं का मोल चुकाती हैं बेटियाँ। माता-पिता के दर्द को पहचानती है वो,प्यारी-सी … Read more