माँ की नज़र में बेटा-बेटी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** आँगन की फुलवारी को महकाती हैं बेटियाँ,माँ की बहुत दुलारी हो जाती हैं बेटियाँ। बेटा-बेटी होते माँ की आंख के तारे,घर में सभी पे प्यार लुटाती हैं बेटियाँ। आते हैं जब कभी भी माँ की आँख में आँसू,उन आँसूओं का मोल चुकाती हैं बेटियाँ। माता-पिता के दर्द को पहचानती है वो,प्यारी-सी … Read more

प्रतीक्षा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************** करूँ प्रतीक्षा आपकी,बन जाए कुछ बात।सपनों में जगता रहा,दिन अरु सारी रात॥ मीठी-मीठी याद में, बीते सुबहो शाम।प्रिये प्रतीक्षा मैं करूँ,जपता हूँ मैं नाम॥ आँखें मेरी थक गयी,देखूँ राह निहार।आज प्रतीक्षारत रहा,पाने को मैं प्यार॥ दुनिया की हर चीज भी,फीकी पड़ती जाय।तेरे बिन भाता नहीं,कोई समझ न आय॥ कब से … Read more

पूर्वजन्म और पुनर्जन्म-इसी जन्म में

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************************** पूर्वजन्म और पुनर्जन्म एक भारतीय सिद्धांत है,जिसमें जीवात्मा के शरीर के जन्म और मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की मान्यता को स्थापित किया गया है।विश्व के सब से प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद से लेकर वेद,दर्शनशास्त्र,पुराण,गीता,योग आदि में पूर्वजन्म की मान्यता का प्रतिपादन किया गया है। इस सिद्धांत के अनुसार-शरीर की मृत्यु … Read more

मेरे राम

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ युगों-युगों से शीर्ष पुरुष हो,मर्यादाओं के भरे कलश होजीवन के पावन संस्कार हो,करुणा की अविरल धार हो।प्राणों का तुम एक नाम हो,हाँ,तुम ही बस मेरे राम हो…॥ हैं तुम्हीं में सारे तीर्थ समाते,चारों धाम तुम्हीं तक आतेनदियाँ सारी चरण चूमतीं,सागर की लहरें हैं झूमतीजीवन का तुम विश्राम हो।हाँ,तुम ही बस … Read more

उड़ जाने को जी करता है

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** सपनों वाले पंखों से फिर,उड़ जाने को जी करता है।बचपन के उन गलियारों में,मंडराने को जी करता है॥ थका-थका लगता मेरा मन,है बोझिल-बोझिल सा जीवन।याद आ रहा है मुझको अब,हरा-भरा वो घर का आँगन॥गाँवों की प्यारी चौपालें,झुकी हुईं वो तरु की डालें।उन डालों पर बैठे-बैठे,फल खाने को जी करता है॥ आते … Read more

पल-पल नीचे से ऊपर

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ पल-पल नीचे से ऊपर आया हूँ,वक़्त ने समझाया बहुत कुछऔर नई सोच को,पहले से बेहतर और ऊपर पाता हूँl बहुत डरता था,खुद से पल-पल लड़ता थाlकोई लड़ेगा नहीं आपकी लड़ाई,अपने डर से खुद लड़ना होगाlयह मैं तब नहीं समझ पाया था,मैं डरा…फिर लड़ाl आज खुद को डर से ऊपर पाता हूँ,मैं … Read more

जब परसती थी माँ खाना

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* जब परसती थी माँ खाना…थाली-थाली को ले झड़प हो जाया करती थी।देख नोंक-झोंक माँ हमारी,कुछ आड़ी तिरछी-सी भौं…उनकी चढ़ जाया करती थी।हो जाता था जब आपे से बाहर,सीधे हाथ की हौले लपक से…कान तुरंत भैया का ऐंठ जाया करता था।देख होता था दु:ख थोड़ा,मगर आनंद बड़ा आया करता था।मन ही … Read more

साहित्यकारों के सम्मान हेतु अनुशंसाएं आमंत्रित

इंदौर (मप्र) | श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति,इन्दौर द्वारा इस वर्ष भी साहित्यकारों को समिति शताब्दी सम्मानों से विभूषित किया जाना है। साहित्यानुरागियों से इस हेतु ३१ दिसम्बर तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।संयोजक सूर्यकान्त नागर(पुरस्कार योजना समिति) एवं प्रचार मंत्री अरविन्द ओझा ने बताया कि,इस निमित्त एक लाख रुपये की सम्मान राशि देश के … Read more

अनमोल ज़िन्दगी

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************** कौन कहता है मुश्किलों से भरी है ज़िन्दगी,बड़ी अनमोल और सोने-सी खरी है ज़िन्दगी। नहीं काली अमावस से अंधेरी है ज़िन्दगी,पूनम की श्वेत रोशनी से गहरी है ज़िन्दगी। खट्टे मीठे अनुभवों की टोकरी है ज़िन्दगी,अंगूर-सी मीठी बड़ी अंगूरी है ज़िन्दगी। संतुष्टि हो साथ तो नहीं फकीरी है ज़िन्दगी,मन के राजा हो … Read more

महबूब

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** पूणिमा की चाँदनी रात में,महबूब को लेकर साथ में।चले जन्नत में मोहब्बत,करने के लिए वो।महबूब के पैरों में कहीं,कोई काँटा न चुभ जाए।तभी तो चाँद ने बगीचे में,मोतियों को बिछा दियाll जैसे ही पड़े कदम महबूब के,जन्नत के बाग में।मुरझाई लताएं भी स्पर्श से,फिर से खिल उठी।और ठंडी हवाओं ने,फिर खुशबू बिखेर … Read more