पाप धरा के हरो
मोहित जागेटियाभीलवाड़ा(राजस्थान)******************************************************************** जन्माष्टमी विशेष…….. लता-लता भी खिल गई,जब वो आए श्याम,मन की गलियों में बसा,कन्हैया का धाम। तुम पाप धरा के हरो,आओ तुम जगदीश,कष्ट मिटा दो सभी,आज द्वारकाधीश। राधा,मीरा रुक्मणी,सबके तुम घनश्याम,कण-कण में तुम बसे,मन में गोकुल धाम। मन मंदिर में माखन,मुख पर मुरली सजाएं,यमुना किनारे मुरली से गोपियां नचाएं। दु:ख हरने पाप मिटाने,हर लीला … Read more