चीन को सबक सिखाने का वक्त

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** हिंदी चीनी भाई-भाई नारा १९६२ में लगाया गया था। परिणाम स्वरूप चीन ने हमारे साथ धोखा किया और हमारे देश पर हमला किया। उस…

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जब तक सही समय न आए,अंकीय शिक्षा बेहतर

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ********************************************************** मानव संसाधन विकास मंत्रालय फिलहाल विद्यालयों को खोलने की जल्दी में कतई नहीं है,लेकिन भारत में कुछ राज्य इन सबके बावजूद भी विद्यालय खोलने की कवायद में…

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देशभक्त वह सच्चा था

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)********************************************************************* युवा की अगुवाई में शुरू हुई एक देखो लड़ाई थी,मंगल पाण्डे के आक्रोश ने विद्रोह बिगुल बजाई थी।जो जंग लड़ी थी धर्म की आजादी तक पहुंचाई थी,इस…

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साहित्यकार कैलाश झा ‘किंकर’ का निधन,परिषद् ने दी श्रद्धांजलि

खगड़िया(बिहार)। हिंदीभाषा डॉट कॉम के वरिष्ठ रचनाशिल्पी एवं खगड़िया के चर्चित साहित्यकार और शिक्षक कैलाश झा 'किंकर' का अकस्मात् निधन हो गया है। तरुणोदय सांस्कृतिक विकास परिषद् द्वारा खगहा स्थित…

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भारत में सच्चा लोकतंत्र जरूरत

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** लोग पूछ रहे हैं कि,भारत को सच्चा लोकतंत्र कैसे बनाएं ? कुछ सुझाव दीजिए। सबसे पहले देश की सभी पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र हो,याने किसी भी पद…

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हमसफ़र

डॉ.नीलम कौरउदयपुर (राजस्थान) *************************************************** गम की बरसातों में,रुह मेरी भीगने सेबचाता है,धूप हो गर नाउम्मीदी कीसाया-ए-उम्मीद,बन जाता है'हमसफ़र' है वो मेरा,रहबर बन दुःख-दर्द मेरेअपने सब कर लेता है। तृषित चातक…

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क्या तेरा क्या मेरा है

राजेश पड़िहारप्रतापगढ़(राजस्थान)*********************************************************** जो पाप किये सर मेरे धरता,धर्म कर्म सब तेरा है।ये जीवन है दो दिन का,क्या तेरा क्या मेरा है। मैंने जब ये जीवन पाया,जोड़ जगत ने काट दिया,बाल…

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तुझसे कैसा शिकवा

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** नहीं शिकवा जरा तुझसे,या रब,मुझको है कोई,धूप तेरी,छाँव तेरी और मरजी भी तेरी…तू चाहे जो सिला दे,ना गिला मुझको है कोई। जो माँगी महफ़िलें…

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हिंदी का शब्द रखा जाए

मुद्दा-वेबिनार बनाम अपने शब्द प्रो. विमलेश कांति वर्मा (दिल्ली)- यह आवश्यक है कि हिंदी में वेबिनार के बजाए हिंदी का शब्द रखा जाए। इस समय जबकि सभी स्तरों पर बड़ी…

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अपनी तलाश में

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** लोग कहते हैं-रात लम्बी है,मुझको लगता है-कितनी छोटी है।सांझ ढली,रात आई,गई,और सुबह हुई।दिनभर मैं व्यस्त,काम-काज में मस्त।रात होते ही होश आता है,कि मैं,मैं हूँ।बहुत इन्तजार के बाद…

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