वसुधा से पहचान

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)********************************************************************* वसुधा से है पहचान हमारी,धरती माँ है जान हमारी। जब तक जीवन चलता है,भरती साँसों में उड़ान हमारी। हरी-भरी हो धरती प्यारी,बढ़ जाती है शान हमारी। काटो…

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जीवन है ‘शिव’

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** शिव जीवन है,शिव मरण हैशिव सत्य है,शिव सनातन है। शिव ओ३म है,शिव वेद हैशिव विधान है,शिव गीत है। शिव नाद है,शिव धरा हैशिव व्योम है,शिव नदिया…

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मजदूरों की राहत बढ़ाएं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** तालाबंदी के दौरान जो करोड़ों मजदूर अपने गाँवों में लौट गए थे,उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार योजना (मनरेगा) में जान डाल दी…

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दु:ख का सैलाब

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** दोस्तों के बीच अर्पित को क्रोधित स्वर में सुनीति के लिए अनाप- शनाप बोलता देख सभी आश्चर्यचकित थे,आखिरकार सोमिल ने पूछ ही लिया-"क्या बात है यार! तुम…

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मातृभाषा में शिक्षा की वकालत की विश्वसनीय आवाज़ प्रो. जोगा सिंह-प्रो. अमरनाथ,कलकत्ता

प्रो. जोगा सिंह वास्तव में हिन्दी के योद्धा नहीं हैं,उनकी मातृभाषा पंजाबी है। वे मातृभाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने अपने जीवन का…

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म.प्र. लेखक संघ ने कराया आनलाइन कवि सम्मेलन

टीकमगढ़(मप्र)l  साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ की जिला इकाई टीकमगढ़ द्वारा गुरु पूर्णिमा पर मासिक २६१ वां आनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। अध्यक्षता डाॅ. मीनू पाण्डेय (भोपाल) ने कीl…

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व्योम की विशालता…पिता

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)******************************************************* व्योम की विशालता…सागर की गहनता…प्रकृति की गंभीरता…,लिए होते हैं पिता…। मिजाज में प्रखरता…चरित्र में प्रबलता…मन में अथाह धीरता…,लिए होते हैं पिता…। दूर करके सबकी चिंता…सदा झेलते रहते दुश्चिंताकर्म…

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ज़िंदगी,तिनके-सी लाचार !!

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ समय सिंधु में क्या पता,डूबे;उतरे पार,छोटी-सी ये ज़िंदगी,तिनके-सी लाचार। सुबह हँसी,दुपहर तपी,लगती साँझ उदास,आते-आते रात तक,टूट चली हर श्वांस। पिंजरे के पंछी उड़े,करते हम बस शोक,जाने वाला…

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दुश्मन को हमें जलाना आता है

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** हमको सोये दरिया में तूफान उठाना आता है,लहराती लहरों पर भी पतवार चलाना आता है। जितने भंवर पड़ें दरिया में इसकी है परवाह नहीं,कैसा भी दरिया…

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कजरी सब गाते हैं

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** सावन सुन्दर मौसम आया।हर्षित मन सब है मुस्काया॥पेड़ों पर झूले हैं लगते।पिया मिलन को विरहिन सजते॥ लगती प्रेम झड़ी अँखियन में।खुशियाँ उमड़ रही सखियन में॥मिलकर…

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