घायल हो रहा हिमालय

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** आज देश की कई सीमाएं असुरक्षा से मचलती हैं, घायल हो रहा हिमालय शहीदों की संख्या बढ़ती है। देश के अन्दर कानाफूसी दोषारोपण में उलझे लोग-…

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ज़िन्दगी इक नदी…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** जिंदगी इक नदी है,अनवरत प्रवाहकिए बिना परवाह,आगे बढ़ते ही जानावापस कभी ना आना,'सावन' समय के साथकदमताल मिलाना,धार से अलग होखेतों में जाना…लोक कल्याण हेतु,खुद को…

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माँ से प्यारा नाम नहीं संवेदनाओं से ओत-प्रोत कविताएँ

बुद्धिप्रकाश महावर मनमलारना (राजस्थान) **************************************************** 'माँ से प्यारा नाम नहीं' काव्य संग्रह(जयपुर) काव्य जगत में स्थापित एवं वरिष्ठ कवि टीकम बोहरा 'अनजाना' की एक संवेदनशील कृति है। माँ शब्द देखने…

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भारत के सैनिकों को नमन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** देश की सीमाएं नहीं बनती हैं कागज पर लकीरों… सेये तो बनती आयी है फौजियों की ही श्मशीरों से,हमारे सैनिक हैं प्रहरी,हमारे देश की सीमाओं केभारत…

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अब बरस भी जाओ…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** बादल का एक टुकड़ा मेरी खिड़की से गुजरा,कभी छुपता,कभी बिखरताहवा से अठखेलियाँ करता,मेरे आँगन में आ रुका।खिड़की पर टिकी रात धीरे से झपकियां लेने लगी,ऐसा लगा…

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जल है तो हम हैं

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** जल ही जीवन का आधारजल से जीव और संसार,जल से बाग-बगीचे उपवन,जल सृष्टि का अनमोल रतन। जल से ही छाई हरियालीप्रकृति की है देन निराली,जल से ही…

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हूँ मैं शिक्षक ईमानदार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** हाँ,हूँ मैं शिक्षक ईमानदार,अब बंद है मेरी पगारसह रहा हूँ मैं 'कोरोना' की मार,लगता अब जैसे जीना है बेकार।हाँ,हूँ मैं शिक्षक ईमानदार… मेरा ज्ञान है…

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मुहब्बत भी ज़रूरी थी,बिछड़ना भी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)****************************************************************** छिपा था नेह दिल में वो,निकलना भी ज़रूरी था।नयन में ख्वाब थे उनके,मचलना भी ज़रूरी था॥ चुनाचे ईद का मौसम,अगर महताब दिख जाए,छिपा बादल की चिलमन में,मगर…

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वीरों की धरती

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** वीरों की धरती है भारत ये दुनिया ने माना है,करते हैं इसको प्रणाम जिसने भी इसको जाना है। ये भारत की धरती है वीरों की खेती…

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जिंदगी का सफ़र

इलाश्री जायसवालनोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* कैसे यह ज़िन्दगी का सफ़र गया,मंजिल कहीं खो गई,रास्ता भी सिमट गया। तुझे सड़क के छोर पर खड़े देख,मैंने कदम बढ़ा दिएजब तलक पहुंची वहां,तू दूर और…

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