भारत-चीन संबंध बनाम ‘रायचंद’

अशोक कुमार सेन ‘कुमार’पाली(राजस्थान)********************************************************************** व्हाट्सएप और फेसबुक यूनिवर्सिटी के धुंआधार विद्वान भारत-चीन संबंधों पर रणनीतिक विशेषज्ञ बन कर अपना ज्ञान बांट रहे हैं,तो मुझे भी लगा बहती गंगा में हाथ…

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आगे बढ़ता चल

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** राही आगे बढ़ता चल,ना हो परेशान,ना हो हताश,मेहनत संग आगे बढ़ता चल। राही आगे बढ़ता चल…निराशा दूर कर आस संजोए,विश्वास संग आगे बढ़ता चल। राही आगे…

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तेरी आँखें

विजय कुमारमणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** तेरी आँखें ये कहती हैं,तेरे काजल-सी लगती हैंचमकती मोती जैसी हैं,बात कुछ ऐसी लगती है। जुबां से ऐसा लगता है,प्यार का गहरा नाता हैछुपाने से नहीं छुपता,प्यार…

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‘चलायमान’ पर आया ‘विद्यालय…’

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) ********************************************************************* उस दिन मुझसे बेटी ने कहा-"पापा घर में आप बनियान में इधर-उधर न घूमा करें, क्योंकि मोबाइल (चलायमान) पर अब विद्यालय घर पर आ गया है।…

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मनमोहक अदा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************* आँखों का ये सुरमा,कजरा तिरछा नैन।मुक्तदन्त अंगुली दबा,कामुक हरती चैन॥ मंद-मंद अस्मित अधर,गोरी नैन विशाल।चपला मधुमित कामिनी,देख रही रतिभान॥ प्रमुदित होती दिलकशी,साजन प्रति अनुराग।मौन…

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मन का विश्वास

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* क्या बहुतक़ीमती था वो ?जिसके लिए,तुमनें अनमोलजीवन त्याग दिया।आख़िर क्या था वो ?नाम,रुतबा,दौलत!या फ़िरकोई हसीना,विचार तोकिया होता,क्या तुम्हारेमरने से ये सबतुम्हें हासिलहो जाएगा ?एक बार तोजाकर पूछा…

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जुबान पर चढ़ जाती है छंदयुक्त कविता -डॉ. शर्मा

आनलाइन दोहा एवं घनाक्षरी कार्यशाला उज्जैन(मप्र)। कविता में यदि छंद का समावेश हो तो वह पाठकों और श्रोताओं द्वारा लम्बे समय तक याद रखी जाती है। हमारी वाचिक परम्परा के…

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क्यूँ हार गए तुम!

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** सुशांत सिंह-आत्महत्या इतनी क्या देर हो गई तुम्हें,तुम्हें आए कितने दिन हुएऐसे कोई थोड़े जाता है भला,ये जिंदगी कोई खेल थोड़े है। चौतीस यौवन देख चुके…

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बेघर

डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)********************************************************** चलो अच्छा हुआ,परदेश की भी दुनिया देख लीकुछ घर देख लिए,कुछ सड़कें देख लींl रिश्ते निभाते-निभाते,कुछ मुस्कान खरीद लीबाहर से भरे-पूरे रहे,भीतर की तन्हाई देख लीl दो…

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खुशी का पैमाना

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** शहर में 'तालाबंदी' हुई तो काम वाली बाईयों का आना भी बंद हो गया। फिर भी उनको उस समय के पैसे तो देने ही थे,इसलिए छाया अपने…

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