कवि डॉ. गर्ग ‘विज्ञ’ को दिया ‘नीलकंठ’ सम्मान
दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान(नई दिल्ली) द्वारा शिवरात्रि के पर्व पर आनलाइन काव्य गोष्ठी की किया गई,जिसमें भक्त कवियों द्वारा शिव महिमा पर काव्य पाठ किया गया। इस दौरान अनेक कवियों…
दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान(नई दिल्ली) द्वारा शिवरात्रि के पर्व पर आनलाइन काव्य गोष्ठी की किया गई,जिसमें भक्त कवियों द्वारा शिव महिमा पर काव्य पाठ किया गया। इस दौरान अनेक कवियों…
राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** रंगो में उत्साह नहीं है, और उमंगें अनबोली है। न जाने कैसी होली है...!! मुस्कानें हो गई खोखली, न नैनों में है न वो मस्ती...…
सुरेश जजावरा ‘सुरेश सरल’ छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश) ****************************************************** अनेक रंग अनेक रूप, अनेक पंथ है जहां। अनेक धर्म अनेक कर्म, अनेक भाषा बोलियां जहां। विविध रंगों से रंगा हुआ, एक मेरा हिन्दुस्तां।…
वाणी बरठाकुर ‘विभा’ तेजपुर(असम) ************************************************************* बुरा न मानो भाई होली है, ये तो मस्तानों की टोली है। हम भी कुछ लेकर आए हैं झोली में, अरे भाइयों पहले रंग न…
मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** नेता भए कृपाण दुधारी, चारों ओर भरम है भारी। पाँच बरस तक सुध नहिं आई, आज अचानक प्रीत लुटाई। नाना रूप धरे बहुतेरे, लगे लगाने…
रुपा कुमारी हावड़ा(पश्चिम बंगाल) ************************************************************* बाबुल तेरे अंगना में, मैं मस्त हवा का झोंका हूँ। बाबुल तेरे शहर में, मैं परियों की शहजादी हूँ। बाबुल तेरे अंगना की, मैं चहकती…
शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’ इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** 'आतंकवाद' का नाम लेते ही सीरिया तथा इराक के भयानक और दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आ जाते हैं। वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर अमेरिका…
ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* मँहगाई से ऊब चुका हूँ थोड़ी साँस हमें लेने दो, जग में व्याप्त बुराई से लड़-लड़ कर मैं टूट गया हूँ, थोड़ा मुझे सुधर लेने दो।…
सुषमा दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** रंगों की बौछार में,तन-मन भीगा जाय। आया फागुन झूम के,सजनी बहुत लजाय॥ आयो मौसम प्रेम को,आम गयो बौराय। गाए कोयल प्रेम धुन,फागुन भी इतराय॥ आँगन में…
सुनीता उपाध्याय`असीम` सिकन्दरा(उत्तरप्रदेश) ************************************************************* किसी का दु:ख नहीं मैं दूर कर सकती जहाँ में, गरीबों को गले से मैं लगा लेती हूँ लेकिन। कभी भी मोह-माया पर भटकता ध्यान है…