सुन्दरता

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह सन्देश नहीं आस्था संग,अटूट विश्वास का सर्वोत्तमऔर सुंदर प्रचार-प्रसार है,सुन्दरता पर यह लिखा गयासबसे शिष्ट व वैज्ञानिक विचार है। मधुर हसीन रम्य और मंजुल,इसके सुन्दर-सुन्दर नाम हैचारू दिव्य…

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भीख

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** किसी को माध्यम बनाकर,सड़कों पर भीख मांगते बच्चेकभी कटोरों या खुले हाथों में,भीख मांगने परमिल जाते कुछ सिक्के,जिनसे आज की महंगाई मेंकुछ भी नहीं आता। उन सिक्कों…

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मित्रवत मित्रता

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** असीम सीमाओं से,बंधी है रिश्तों की डोरकुछ रिश्ते अटपटे,और कुछ खट्टे-मीठेफिर भी रिश्ते निभते हैं। दूर के रिश्ते यदा-कदा,जा मिल जुड़ते बीचचौराहों पर जैसे-तैसे,पुराने रिश्ते भागते दूरनए…

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भक्ति प्रतीक शिवलिंग

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* प्रेम व भक्ति का प्रतीक है शिवलिंग,मनचाहा वर प्राप्ति का ये शिवलिंग। प्रतीक है ये, हर हर महादेव जी का,यादगार है ये देवों के…

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अकेलापन

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** अकेलेपन से दूरियाँ,अक्सर बढ़ जाती हैसमय बहुत मुश्किल से,कांपते हुई कटता है। अहसास नहीं होता है,जिंदगी में एक पल भी यहांअकेलेपन की यही तासीर,बयां करती रहती है,हरक्षण यहां-वहां। यह…

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मुस्कान

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* आज की शाम बड़ी उदास है,किसी के लिए बड़ी प्यास हैकैसे मुस्कुराएं हम,दूर खड़ी मुस्कान है। बह रही आज बसंती बयार है,किसी को नहीं…

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रिश्तों की महक

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** संयुक्त परिवार का आधार छूटा,अपनों का प्यार घटारिश्तों का संसार मिटा,एकल प्यार संग परिवार सिमटा। भाई-बहन की मजबूत डोर टूटी,एक बहन और भाई मेंसंयुक्त परिवार सिमटा,हर रिश्ता है एक…

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जो बीत गई, वो बात गई

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* क्यों खोए हो अवसादित मन,क्यों व्यर्थ वक्त कर जाते हो ?कर रही प्रतीक्षा नयी राह,बीती बातें पछताते हो। जो बीत गई, वो बात गई,क्यों…

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मैं गुलाब हूँ…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** मैं गुलाब हूँ,मेरी फितरत पर मत जानामैं इश्क़ लुटाता हूँ,सोये हुए अरमान जगाता हूँ,मैं गुलाब हूँ…। मेरा रंग सुर्ख लाल है,मैं लाली सजाता हूँरुठी हुई हसीनाओं को,पल…

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भूख

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* मिट्टी का चूल्हा,चूल्हे पर देगदेग में पानी,झूठी कहानीपेट की आग,बुझाए ना पानी।चूल्हे में लकड़ी,लकड़ी टेढ़ी-मेढ़ीटेढ़ी लकड़ी में आग,आग पीली औ' लाललाल-लाल अंगारे।अंगारों पर राख,राख की परतपरतों…

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