अब कैसे कृष्ण,कैसे राम निकलेगा

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************* तेरा न बोलना बहुत देर तक खलेगा, एक न एक दिन तेरा घर भी जलेगाl नज़र बंद हो अपनी बोई नफरतों में, फिर रहीम और कबीर कहाँ मिलेगाl चाँद को चुरा के रात को दोष देते हो, इंतज़ार करो,आसमाँ भी पिघलेगाl जाति,धरम,नाम सबसे तो खेल लिया, अब कैसे कृष्ण,कैसे राम … Read more

छँटेगी रात काली…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** छटेगी रात काली और फिर होगा सवेरा भी, हँसो लेकिन ज़माना एक दिन आयेगा मेरा भी। भले ग़म ने तुझे चारों तरफ से घेर रक्खा है, जरा सूरज निकलने दो छँटेगा ये अँधेरा भी। नहीं रावण सिकंदर कंस का घर-बार बच पाया, कहीं तुमको न ले डूबे सुनो अभिमान … Read more

ख़ता मेरी बताते

डॉ.अमर ‘पंकज’ दिल्ली ******************************************************************************* कभी सोचा न था हर पल मेरी अब जान जाएगी, तुम्हारी याद जीवन भर मुझे हरदम सतायेगी। ख़ता मेरी बताते इस कदर तुम दूर मत जाते, मेरी धड़कन की हर सरगम किसे अब क्या सुनाएगी। तुम्हारे प्यार पर कितना भरोसा था मुझे हमदम, भरोसा तोड़ के कैसे भरोसा फिर दिलाएगी। सहर … Read more

मत ये सजा दीजिए।

डॉ.अमर ‘पंकज’ दिल्ली ******************************************************************************* मुद्दतों जो छिपाया,बता दीजिए, आग जिस्मो-ज़िगर की बुझा दीजिए। हमनशीं रूठकर दिल जलाती रही, पास उनको कोई फिर बुला दीजिए। गैर का दिल बसेरा बना आपका, प्यार की मेरे मत ये सजा दीजिए। आपको गैर की बज़्म भाने लगी, मेरी क्या अब जगह है जता दीजिए। ख़्वाब तो ख़्वाब हैं,टूटते हैं … Read more

दिले-दर्द अपना सुनाते नहीं

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (वज़्न-१२२×३-१२, अर्कान-फऊलुन×३-फआ) बुलाए बिना हम हैं जाते नहीं। अग़र बोझ समझा निभाते नहीं। अदब से मिले जो भी मंज़ूर वो, कि ख़ैरात को हम उठाते नहीं। बरस बीत जाएं नहीं बात हो, दिले-दर्द अपना सुनाते नहीं। कई ज़ख़्म दिल में बता ना सकें, उधारी का मरहम लगाते नहीं। सियासत नहीं … Read more

किसान(मर्सिया)

शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ (रचना शिल्प:फाएलातुन,फाएलातुन,फाएलातुन,फाएलुन) खेत में सूखा पड़ा था,अब्र में बरखा नहीं। थी किसानों को ज़रूरत तो फ़लक बरसा नहीं। आज फसलें पक गई जब,तू जरा ठहरा नहीं, हो गई बर्बाद फ़स्लें,फिर भी तू तड़पा नहीं। अब रुलाएगी सियासत खून के आँसू हमें, फिर से ले के आएगी वो,थाली में … Read more

करता नहीं ऐतबार आदमी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचना शिल्प:अरकान-२१२ २१२ २१२ २१२) हर कदम पर करे इंतजार आदमी, प्यार दिल में लिए बेशुमार आदमी। बात दिल की कहे तो कहे अब किसे, आज करता नहीं ऐतबार आदमी। इस जहां में सभी एक से एक हैं, कौन किसको कहे होशियार आदमी। गर मुहब्बत में खा जख़्म … Read more

हौंसला सभी का बढ़ाया करो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** जश्न सब ज़िन्दगी के मनाया करो। बाँसुरी चैन की मिल बजाया करो। सख़्त मेहनत करो मुस्कुराओ सदा, मुश्किलों को हँसी में उड़ाया करो। भाई को भाई से जो मिलाते मिलें, हौंसला उन सभी का बढ़ाया करो। नित पसीना बहाते हैं जो लोकहित, पीठ उनकी ज़रा थपथपाया करो। … Read more

गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने ?

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने ? संसद तक देखो पहुँचाया लोगों ने। इतनी हिम्मत! मार रहे अब वोटर को! बकरी को भी बाघ बनाया लोगों ने। वे अस्मत तक लूट रहे हैं बहनों की, पुष्पहार जिनको पहनाया लोगों ने। सेवक देखो राजा बनकर बैठा है, इतना सिर … Read more

इश्क थोड़ा-सा उसको भी सिखा देना

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** इश्क थोड़ा-सा उसको भी सिखा देना, कि जब भी पन्ना पलटे,याद मेरी दिला देनाl धुआं हो जाएगी ये जिंदगी आखिर, सभी को राख होना है,ये उसे भी बता देनाl दिल टूट चुका है अब और क्या तोड़ोगे, ये आवाज थी उसकी,कोई पूछे तो बता देनाl रहम करना तू मेरी … Read more