लौट सजन घर आए
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ये बसंत का मौसम आया,पर साजन अब तक नहीं आये,तारे गिन-गिन रात गुजारुँ,नींद नहीं पलभर भी आये।राह तक रही थी साजन की हर पल-हर छिन सांझ-…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ये बसंत का मौसम आया,पर साजन अब तक नहीं आये,तारे गिन-गिन रात गुजारुँ,नींद नहीं पलभर भी आये।राह तक रही थी साजन की हर पल-हर छिन सांझ-…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कैसे बीता साल पुराना मत पूछो।बैठे-बैठे खाल खुजाना मत पूछो॥ माह जनवरी बीता उसके स्वागत में,और फरवरी का घट रीता दावत में।देख 'कोरोना' मार्च महीना घबराया,कर्फ्यू…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी।देश में सदभाव का आधार हिंदी॥ वेद से पैदा हुई है देव गण के वास…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सरसों खिली बाग में पीत हो गये।बसंती रूत में गुल मीत हो गये॥ बौराया अम्बुवा पलाश खिल रहे,टेसू के रंगों से रंग मिल रहे।फागुनी राग में नवगीत…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** पुलवामां के अमर शहीदों की कुर्बानी याद करो,आँखों में अंगारे रक्खो दिल से यूँ ना आह भरो।किया पाक ने जो कुकर्म था बदला अभी चुकाना है,चौदह…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** करते-करते इंतजार अब सूख चुका आँखों का पानी,इस बहार के मौसम में भी मुझको लगती है वीरानी।दीवाना दिल बात न माने हरदम तेरा नाम पुकारे,राह निहारूँ…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. इस विरहन की अमिट प्रीत वो,हृदय मिलन की आस सखी री।प्रेमिल मन आह्लाद हुआ अति,देख सुखद मधुमास सखी री॥ व्याकुल रहता…
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. विद्यादायिनी,वीणावादिनी आपका अभिनन्दन।कर बद्ध मैं करता हूँ,माँ शारदे को सदा नमन॥ मुझ अज्ञानी को,ज्ञान का दान करो मेरी माँ,मुझ नासमझ को,बुद्धि…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सोना खेतों ने उगला जब,ठीक तरह हम तोल न पाये।माना बेईमान हुए वो,हम भी तो कुछ बोल न पाये॥ खेती का वरदान मिला था,हम धरती के…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** आज चली है पवन बसंती जिसने सबका मन हर्षाया।झूम उठे हैं पादप सारे ये प्यारा मधुमास है आया। कलियाँ खिली फूल मुस्काये भंवरे गुन-गुन करते आये,फूलों…