बुरा न मानो होली है…

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… सतुयग से कलयुग यानि आज तक वसंत ऋतु में सभी सनातन धर्मावलम्बी,बच्चे-बूढ़े,सब संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक- झाँझ-मंजीरों की धुन…

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होली-नई शुरूआत का संदेश

दिपाली अरुण गुंडमुंबई(महाराष्ट्र)***************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… हिंदू काल गणना के अनुसार फागुन ऐसे तो अंतिम माह है,परंतु वह हमेशा नई शुरुआत की सीख देता है। फागुन की…

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आओ रंग दें हिंन्दुस्तान…

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… हृदय की तरंगों को,रंगों मे घोलकरखेलेंगे होली,गिले-शिकवे छोड़कर। रंगत दिलों की,फिर से उभर जाएसंगत बिछड़ों की,फिर से संवर जाए।…

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फागुन का श्रंगार-होली

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… 'जीवन फागुन बन गया,गाता मंगल गीत।आओ,हम अंकर भरे,नेह भरी नव प्रीत॥'होली वसंत का एक उल्लासमय पर्व है। होली को…

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सम्मान चाहता है नारी अस्तित्व

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* यह सर्वविदित है कि आज २१वीं सदी में नारी पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है,पर यह कहना गलत नहीं होगा कि नारी ने इस मुकाम…

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रामराज्य में लोकतान्त्रिक मूल्य

राकेश सैनजालंधर(पंजाब)********************************** लोकतन्त्र के दो रूप कहे जा सकते हैं,एक दण्डात्मक व दूसरा गुणात्मक। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतन्त्र की सुन्दर व्याख्या करते हुए इसे लोगों पर…

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नहीं बनेगा भारत मोहरा ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* भारत,अमेरिका,जापान और आस्ट्रेलिया-इन चार राष्ट्रों के चौगुटे का जो पहला शिखर-सम्मेलन हुआ, उसमें सबसे ध्यान देनेवाली बात यह हुई कि किसी भी नेता ने चीन के विरुद्ध…

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निजीकरण कितना वास्तविक…

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** आज सरकार अंधाधुंध निजीकरण की वकालत कर रही है,सरकारी कर्मचारियों के निकम्मेपन की हर जगह चर्चा हो रही है,पर आइए इस पर विचार करते हैं।दूध में पहले…

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समाज में हिंदी

विवेक गुप्ता*************************************** पीढ़ियों का अंतर तो हर दौर में रहा है,बुज़ुर्ग और युवा पीढ़ी के बीच संवाद की कमी हमेशा ही रही है,फिर आज के वृद्ध ख़ुद को अधिक उपेक्षित…

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‘वेदने तू धन्य है री!’ दर्द का दरिया

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)*************************************** आधुनिक मीरा महीयसी महादेवी वर्मा को समर्पित यह गीतांजलि विरह गीतों का नायाब नमूना है। यह पुस्तक ६२ गीतों को समेटे हुए है। वेदना को संबोधित…

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