विघ्नहर्ता गणेशजी कर्ता-धर्ता एवं संहर्ता

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष….. श्रीगणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इसीलिए किसी शुभकार्य के निमंत्रण में भी पहले गणेश जी की स्तुति की जाती है,ताकि शुभकार्य के संपन्न होने में कोई विघ्न नहीं हो, श्रीगणेश जी विघ्नहर्ता जो हैं।श्रीगणेश जी को मंगलमूर्ति भी कहा जाता है, तभी … Read more

बेटियां हकदार,लेकिन मुश्किलें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** सर्वोच्च न्यायालय के ताजा फैसले ने देश की बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का हकदार बना दिया है। अदालत के पुराने फैसले रद्द हो गए हैं,जिनमें कई किंतु-परंतु लगाकर बेटियों को अपनी पैतृक संपत्ति का अधिकार दिया गया था। मिताक्षरा पद्धति या हिंदू कानून में यह माना जाता है … Read more

अंग्रेजी पढ़ाई को स्वैच्छिक क्यों नहीं किया…कुछ प्रश्न

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** नई शिक्षा नीति-२०२०………. नई शिक्षा नीति का सबसे पहले तो इसलिए स्वागत है कि उसमें मानव-संसाधन मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय नाम दे दिया गया। मनुष्य को ‘संसाधन’ कहना तो शुद्ध मूर्खता थी। नरेंद्र मोदी सरकार को बधाई कि उसने इस मंत्रालय का खोया नाम लौटा दिया।पिछले ७३ वर्षों में भारत ने २ … Read more

मायने रखते हैं बिहारी भी,अपमान अनुचित

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* गलवान की घाटी में माँ भारती की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के २० योद्धा लड़ते-लड़ते शहीद हो गये। भारतीय संविधान को लिखने की अंग्रेजों की चुनौती को स्वतंत्र भारत के प्रथम महामहिम स्व. डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने विजयी अंदाज में स्वीकार किया,जो ठेठ बिहारी थे। ऐसा बिहार जो कभी भी भारत … Read more

बहुत जरूरत है दायित्वों से बंधी राखी के सम्मान की

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. रक्षाबन्धन हिन्दू धर्म का प्रमुख सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिवारिक पर्व है। यह आपसी संबंधों की एकबद्धता,प्रेम एवं एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपक्रम है। प्यार के धागों का यह एक ऐसा पर्व है,जो घर-घर मानवीय रिश्तों में नवीन ऊर्जा का संचार करता है। यह जीवन की प्रगति और मैत्री की ओर … Read more

अंतर्मन में सामंजस्य और विपत्ति में रक्षा की प्रतिबद्धता है ‘रक्षाबंधन’

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. ‘रक्षाबंधन या रक्षा कवच!येन बद्धो बलिराजा, दानवेंद्रो महाबल:,तेन्त्वाम् प्रतिबध्नामि, रक्षे माचल!माचल!!’श्रावण-पूर्णिमा के दिन एक रक्षा कवच बाँधने का विधान है,जिसे बोलचाल की भाषा में राखी कहते हैं। यह पर्व एक-दूसरे के प्रति आस्था जगाने,एक-दूसरे की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध होने का है। भले कोई किसी … Read more

मानव हृदय की स्वार्थ की सोच दु:ख का कारण

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सृष्टि के निर्माणकर्ता हमारे देवता ब्रह्मा, विष्णु,महेश ने सृष्टि बनाने से पहले, इसके सुचारु रुप से संचालन के विषय में सोचा। इसी आशय से देवताओं ने बहुत से तत्व ऐसे बनाए जिन्हें सृष्टि का प्राणी महसूस तो करता है,परन्तु देख नही सकता। जैसे हवा,किरण, खुशबू,वक्त इत्यादि। ऐसे तत्व जीवन … Read more

शांतिपूर्ण समाज के लिए बड़ा खतरा सोशल साइट्स

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ फेसबुक,ट्विटर,गूगल और कई अन्य सोशल मीडिया मंच ने हमारे संवाद करने के तरीके में क्रांति ला दी है। ये मंच आज ज्यादातर बात करने के लिए उपयोग किए जाते हैं,यही नहीं ये सार्वजनिक तौर पर बहुत बड़ा प्रभाव डालते हैं,लेकिन सुरक्षा के उचित नियमों के अभाव में ये अतिसंवेदनशील हैं। तभी तो … Read more

पत्नी के कटु वचनों से बने तुलसीदास

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के जन्म स्थान के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद हैं,लेकिन प्रचलित रुप से महाकवि तुलसीदास जी का जन्म चित्रकूट जिले के राजापुर ग्राम में माना जाता है। वह ब्राम्हण थे और उनके बचपन का नाम तुलाराम था, … Read more

हिन्दी काव्य में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास का ऊँचा स्थान

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदासजी को श्रीराम का अनन्य भक्त माना जाता है। अपने १२६ वर्ष के दीर्घ जीवन-काल में तुलसीदासजी ने कालक्रमानुसार कालजयी ग्रन्थों की रचनाएँ कीं। जैसा कि,नागरी प्रचारिणी सभा(काशी) ने उनकी रचनाओं का उल्लेख किया है,उसके अनुसार- रामचरितमानस,रामललानहछू,वैराग्य-संदीपनी,कलिधर्माधर्म निरूपण, … Read more