भाग्य विधाता

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** नरेश और नीलू दोनों ही कॉन्वेंट विद्यालय के छात्र थे। दोनों अलग-अलग कक्षा में पढ़ते, लेकिन एक ही कॉलोनी में घर होने के कारण आपस में भरपूर बातें करने का अवसर मिलता, जिससे दोनों के बीच एक रिश्ता-सा पनपने लगा।वह एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते, यहाँ तक कि वो एक-दूसरे से … Read more

तेरी बिंदिया रे

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** प्रेरणा को बचपन से पूजा-पाठ करना, सजना-सॅंवरना बहुत पसंद था। एक तरफ पढ़ने में टाॅपर तो दूसरी ओर इतनी सुन्दर! उस पर जब वो अपने दमकते माथे पर छोटी- सी बिंदी लगाती थी, तब तो बस एकदम अनुपम रूप निखर आता था उसका!देखते-देखते वो सुप्रसिद्ध भल्ला खानदान की बहू बन गई…। … Read more

माँ के हाथ की रोटी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** उस रोज बरडू लुहार तेलू चमार के यहाँ किसी काम से गया था शायद। दोनों का एक दूसरे के आना-जाना यूँ भी चलता ही रहता था। दोनों की दोस्ती गाँव भर में मशहूर थी। फिर बरडू का गाँव ऐसा कि, उसमें १८ तो जातियाँ रहती हैं। तेलू के आँगन से बातचीत … Read more

अपने-आप

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** आज मैं आँगन में बैठे नदी की लहरों को यूँ ही निहार रही थी। उन्हें देखकर ऐसा एहसास हो रहा था कि, कितना कुछ झेलती हैं ये आखिर! इतने में पीछे से ‘राम-नाम सत्य है’ की ध्वनि… नजरें हटा कर देखा तो अपने-आपमें दंग रह गई। साथ जा रहे लोगों को देख … Read more

भक्ति में शक्ति

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* शक्ति, भक्ति और दिखावा… मेरे एक मित्र हैं श्रीराम सिंह। उनके ७ बेटे हैं, पर बेटी के लिए दोनों प्राणी तरसते रहते हैं। १ बेटी की चाह में उन्होंने ७ बेटे पैदा कर दिए।जब लोगों के घरों में बेटियों की किलकारी गूंजती थी, तो सिंह दंपति मन मसोस कर … Read more

अगला जन्म

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* एक दिन सुबह मैं एक मंदिर के निकट से गुजर रहा था, तभी एक कार आकर रुकी। कार के अंदर से एक मैम साहब गोद में एक कुत्ते को लेकर निकली, फिर कुत्ते को प्यार किया और उसे कार की छत पर रखकर मंदिर के अंदर चली गई। अंदर … Read more

स्नेह-सूत्र

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** ड्राइंग रूम में बैठे तन्मय को पत्नी कान्ता के खिलखिलाने की आवाज सुनाई दे रही थी। छोटी बहू और बड़ी पोती उसके साथ थीं। दोनों पैरों में फ्रैक्चर से पीड़ित कान्ता की हॅंसी में उसको पीड़ा का तनिक भी आभास नहीं हो रहा था।उससे रहा नहीं गया तो, वह चुपके से … Read more

नया दर्पण

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** आज ज्यों ही विद्यालय से घर आई, बेटा सुधीर आकर बोला-‘बिल पास हो गया।’ ‘…क्या ?’‘…माँ, महिला आरक्षण बिल पास हो गया।’‘…वाह ,सच्ची!’दोनों बैठकर घंटों टेलिविजन पर नजरें गड़ाए रहे, सुनते रहे। देख तो मैं भी रही थी, लेकिन बात-बात में सुधीर का महिलाओं के पक्ष में बोलना मुझे गद-गद कर रहा … Read more

राज

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* डोली अपने घर की ड्योढ़ी पर पहुंची ही थी कि, नई-नवेली दुल्हन के माथे से टीका नदारद देख सास असहनीय हुई, लेकिन विवाह के माहौल को बांच शालीनता से बोली, ‘ठहरो! नई दुल्हन तब तक यह ड्योढ़ी पार नहीं करेगी, जब तक सुहाग चिन्ह पूरे न हों। किसी के पास टीका … Read more

ज्ञान की मशाल

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** २ दोस्तों अरुण और वरुण के बीच आजकल के शिक्षक और शिक्षा प्रणाली पर बातचीत चल रही थी। वरुण बोला-“पढ़ने में बिल्कुल दिल नहीं लगता। पढ़ कर भी क्या कर लेंगे।मैं तो बिल्कुल ऊब गया हूँ।”अचानक बातचीत एक अलग दिशा की तरफ मुड़ गई। अरुण बोला- “हम यहां सुख-सुविधाओं के बीच रहकर … Read more