इंसान और क़ुदरत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. क़ुदरत से जुड़कर रहो,होगे सदा निरोग, क़ुदरत है कोमल बहुत,हर सुख सकते भोग। शुध्द हवा,हो सादगी,सादा हो व्यवहार, मिलती…

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जीवन का आधार प्रकृति

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति मानव जीवन का आधार, इस पर निर्भर है संसार। मनमोहक आकृति, मानव की प्रकृति इससे उपजी ढेरों फसलें, मिलता…

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हम बिगाड़ें न पर्यावरण

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. आईये एक कदम हम चलें, दोस्तों स्वच्छता के लिए। गंदगी न बढ़ाये कोई, इस धरा पे खुदा के…

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धरती सिखलाती देना

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. ये धरती तो धरती माँ है जो जीवन हमको देती है, बचपन ने इसको देखा है ये सबकी जीवन…

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धरती की सुंदर बहार को देखो मानव

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष……..     धरती की सुंदर बहार को देखो हे नर, हमें संभाले यह धरती हर कदम-कदम पर। मत करना अपमान…

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कर्म और भाग्य

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. सारी सुख-संपत्ति के साधन धरती सतत श्रम करो भुज-बल से, भाग्य के सहारे न जी तू मानव- भोगता रह…

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पर्यावरण बचाना है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. 'पर्यावरण बचाना है', सुनो भाइयों नारा ये जन-जन तक पहुँचाना है। पर्यावरण बचाना हमको, पर्यावरण बचाना हैll आओ लगायें…

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प्रकृति जब नाराज हुई,संकट छाया

सम्पदा मिश्रा इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ********************************************* प्रकृति जब नाराज हुई है, जीवन पर संकट छाया है जगती के इस विश्वपटल पर, इस बार `कोरोना` आया हैl जन की प्रतिरोधक क्षमता…

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माँ दुर्गे नजर आने लगी

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** माता रानी के चरणों में गिरती गई, इन हवाओं से कैसे मैं घिरती गई। ये कदम उठते हैं तेरे द्वारे पे माँ, तेरी गलियाँ मुझे सिर्फ…

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है नववर्ष वंदन तुम्हारा

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** है नववर्ष वंदन तुम्हारा, हार जाए `कोरोना` सारा। निकल आये फिर से उजियारा, खुशियों से भरे जग ये साराll हे माँ भवानी कल्याण करें, जग पर…

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