कुदरत की ओर

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. हरपल ही आपाधापी में भाग रहा है जीवन, इससे तन है चुका-चुका-सा थका-थका रहता मन। दो पल भी अब समय…

0 Comments

हमें सतर्क करती हैं आपदाएं

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. रंगों की, अलग भाषा होती है, जब कागज पर उकेरे जाएं तो, चित्रकारी जब प्रकृति रंग उकेरे, तो बन जाए…

0 Comments

अब तक मनुज समझ न पाया

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. यदि धरा आज न होती, तब मानव कहां से होता रहता कहां घूमता कहां, और कहां घर बना सोता। रत्न…

0 Comments

मानव है स्वार्थी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति अपनी चीजों का उपयोग, स्वयं नहीं करती वह इससे है, मानव का पेट भरती। मानव है स्वार्थी,…

0 Comments

शतकोटि ‘सीता

डॉ. रीता कुमारी 'गामी' मधुबनी (बिहार) ********************************************************************************* सुनो-सुनो शंखनाद हुआ है, कुछ करने का एलान हुआ है, युगपुरुष ने है हुंकार लगायी, करने सजग धनुटंकार बजायी। एक राम थे,एक थी…

3 Comments

बस रखो थोड़ी हिम्मत

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** जिंदगी की रेल सहसा थम-सी गई है, लोगों की हयात जैसे बिखर-सी गई है। जिस असुर ने हमारी खुशियों को छीन लिया, ना जाने कम्बख्त…

2 Comments

मिलकर कदम बढ़ाना होगा

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़(मध्यप्रदेश)  ********************************************************************* मिलकर कदम बढ़ाना होगा, 'कोरोना' जड़ से मिटाना होगा। बस कुछ समय तब अपने घर में, हम सबको ही बंद रहना होगा॥ छोड़ दो…

0 Comments

किसी ने मुझे छोड़ा है

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’  इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** किसी ने मुझे छोड़ा है दिल ऐसा तोड़ा, निकले न रूह मेरी,थम गई साँसें रुक गई धड़कन,बिखर गया हूँ अब, दे गई धोखा वो…

0 Comments

सपने में आया `कोरोना`

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** सोया था मैं अपनी उमंग में, बच्चे भी थे हमारे संग में नींद में था मैं गहरी तभी, सपने में आया `कोरोनाl` उसे देख मैं…

0 Comments

`कोरोना` को हराना…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** कहना मान- `कोरोना` को हराना, रखना ध्यानl मुख ढकना- मिलने झूलने से, सदा बचनाl यही कहना- बेवज़ह घर से, न निकलनाl न हो…

0 Comments