बचपन

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** बचपन तो बचपन ही था, बचपन को जाना था कब। जब रखा कदम जवानी में, बचपन को समझा है अब॥ बचपन को समझा है अब, बचपन तो बचपन ही…॥ थे खाते-पीते मौज मनाते, हम कितने रहते थे मस्त। खेलते रहते नहीं रुकते थे, हो जाते थे चाहे पस्त॥ हो जाते … Read more

धीरे-धीरे ही सही..

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’  इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** धीरे-धीरे ही सही पर चलते तो रहिये, करके कुछ पाना अगर हो,कुछ न कुछ करते तो रहिये। हार न मनो तुम गम से,करो सामना दुश्मनों से, खुश अगर हैं ज़िंदगी से,कम-से-कम हँसते तो रहिये। धीरे-धीरे ही सही पर चलते तो रहिये… दुनियादारी के समर में खूब दौड़ा कीजिये, सिर … Read more

नारी अब अबला नहीं

संतोष भावरकर ‘नीर’  गाडरवारा(मध्यप्रदेश) *********************************************************** नारी मर्यादा की मूरत है, करुणामई जिसकी सूरत है बहिन का अनमोल प्यार है, पत्नी के रूप में संसार है। नारी को न समझो, तुम अब कोमल जो हर समस्या का, पल में करती है हल। हर क्षेत्र में है वो आगे, दुश्मन भी उससे डर के भागे कभी दुर्गा … Read more

अभिनंदन करते तुमको

विजयलक्ष्मी जांगिड़ ‘विजया’  जयपुर(राजस्थान) ***************************************************************** अभिनन्दन करते तुमको, चक्रव्यूह में खड़े अकेले। हम वन्दन करते तुमको, अभिमन्यु से लड़े अकेले। भेद रावण की कलुषित लंका, हनुमान तुम जय,अकेले। अंगद से,जा भिड़े अडिग, काल सम्मुख रहे,अकेले। हिला नहीं पाया दुश्मन, देश हित तन-मन जीवन। धन्य तुम,माँ की आशा को, पिता के तेज को धर आए। शत्रु … Read more

नारी दुर्लभ वरदान

डाॅ.अचलेश्वर कुमार शुक्ल ‘प्रसून’  शाहजहाँपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** नारी मनुज को सृष्टि का,अति दुर्लभ वरदान। इसकी तुलना में नहीं,पृथ्वी पर प्रतिमान॥ सत्य यही संसार का,नारी बड़ी महान। नारी ही देती सदा,मानव को निर्माण॥ नर नारी से सीखता,जाने सकल जहान। नारी से ही बन सके,सारे पुरुष महान॥ नारी के तप त्याग से,बने देवता योग। नारी तू नारायणी,सच कहते … Read more

अस्तित्व नारी का

आदेश कुमार गुप्ता `पंकज`  रेणुसागर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** महिलाओं का भूल कर करिए नहि अपमान। महिलाओं से होत है हम सबका उत्थान॥ महिला माता रूप में करती है उद्धार। रात-रात वो जाग के करती हमको प्यार॥ नारी है अभिमान जगत में मान दिलाती। नारी है उत्थान हमें पहचान दिलाती॥ नारी घर की शान सभी पर प्यार लुटाती। … Read more

जीवन को आसान किया है

डॉ.गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’  महापुरा(राजस्‍थान) *************************************************************************************** नारी ने पुरुषों के जीवन को,आसान किया है, जीवन रूपी हवन कुण्‍ड में नित बलिदान किया है। नारी ने पुरुषों के जीवन को…॥ इतिहास उठायें,देखें नारी ने है,शौर्य दिखाया, कैकेयी,लक्ष्‍मीबाई,पद्मिनी से अरि थर्राया। जितना पुरुष समर्थ है नारी,नहीं किसी से कम अब, बीत गया वह समय आज,नारी में भी … Read more

जी चाहता है

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** सहे जुल्म जिसने सदियों से अब तक, उनको उबारो,यह जी चाहता है। करते रहे आदिशक्ति की पूजा मगर मातृशक्ति कुंठित रही है। हुआ नहीं मान भूलकर भी, नारी आज भी व्याकुल विवश हो रही है। तड़पती तिरस्कृत है आज ममता, उसे अपनाने को जी चाहता है। दुर्गा लक्ष्मी अहिल्या सीता, … Read more

नारी तेरी अमर कहानी

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** जो समझो तो कविता हो, बूझो तो अमर कहानी हो। नारी तुम त्याग समर्पण, करती बलिदान जवानी हो। नारी!तुम श्रद्धा समर्पण जीवन, सृष्टि जीवन गढ़ती कहानी हो। आँचल में दूध आँखों में पानी, सृष्टि जीवन की तुम कहानी हो। नारी! तुम अब नहीं रही अबला, समानता युग की तुम … Read more

तू ही तू

सुषमा दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** धीर है तू सत्य है तू खौलता उफान है, तू अर्चना आराधना तू भक्ति का वरदान है। प्रचंड तू अखंड भी तू ही शक्तिमान है, भैरवी कानुप्रिय तू विश्व का गुणगान है। रौद्र रूप रच सके तू ऐसा एक तूफान है, तू गंगा-सी पवित्र है समुद्र-सी विशाल है। तू रागिनी तू … Read more