ख़्वाहिश

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** नजरों ने ही देखा हँसी ख़्वाब तेरा, चाहतों की कशमकश में मुस्कुराता चेहरा तेरा। जवाँ दौर में, तेरी मोहब्बत की हर हसरत का, लम्हा-लम्हा…

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फूल खिलाएं दीप जलाएं

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** पुण्य धरा की पावन माटी,आओ हम सम्मान करें, कंचन जैसे संस्कार पर,आओ हम अभिमान करें। मात-पिता के श्रीचरणों पर,श्रृद्धा सुमन चढ़ाओ तो, श्रीगुरुवर के उपकारों…

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आम

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* भोर सुहानी कोयल है कूजती, बहती शीतल बयार आयी आम की बहार। रसाल फल तो है राजा जिसके बड़े भाग वही चाखा, खट्टेपन से लड़कर…

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पावनी धरा..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** नित जीवन का सृजन कर, पोषती व्यथाएं झेलकर। रस,साँस लेते हम सदा, निज वर्धन कर रहे खेलकर॥ देती अथाह पावनी धरा, इसे हम भी कुछ…

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किसी को मिलती मलाई,किसी को बासी भात नहीं..

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** आज यहां क्या लोकतन्त्र है! कुछ कहने की बात नहीं है। जो जितना पाये ले जाये, मुझे कोई आघात नहीं है। किसी को मिलता…

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तुम्हारी प्रीत के पौधे

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** झुकी पलकें अगर मेरी,तेरा मैं मान करता हूँ, उठी पलकें तो मानो यूँ,तेरा गुणगान करता हूँ। अगर पलकें हुई बोझिल,तो समझो याद करता हूँ, अगर…

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माँ…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** माँ पर लिखने में सागर-सी, हो मसि भी कम पड़ जायेगी। एक नहीं सौ-सौ जीवन भी, यह ममता क्या लिख पायेगीll जिस माँ के चरणों…

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खरी-खरी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जिन्हें वतन के आदर्शों का,दर्प दिखाना था जन को, सत्य और सुचिता के पथ पर,जिन्हें चलाना था मन को। जिन कंधों को संस्कार का,भार उठाया…

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नहीं पूर्वजों की सहेजी निशानी

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** शिला की तरह टूटते जा रहे हैं, कि रिश्ते सभी छूटते जा रहे हैंl न दादा के रिश्ते न दादी के रिश्ते, सभी ढो…

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माँ की सीख..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** चाहे पथ पर बाधाओं के, शैल-शिखर से उठते हों। चाहे पग पर पराभवों के, शूल नुकीले चुभते हों॥ मैं साहस के जुगनू लेकर, पथ पर…

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