विधिवत दीक्षित न होते हुए भी भाषा विज्ञान के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी

प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी:स्मृतियाँ प्रो. ठाकुर दास- सुप्रसिद्ध हिंदी भाषाविद् और अनुवाद सिद्धांत विशेषज्ञ प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी का असामयिक निधन अत्यंत दुखद एवं स्तब्ध करनेवाला है। गोस्वामी जी के साथ मेरा लगभग ५६-५७ वर्ष का मैत्रीपूर्ण परिचय एवं संबंध रहा है। वर्ष १९६४ में वे संघ लोक सेवा आयोग में कार्यरत थे,तभी मेरी आयोग … Read more

कुछ ख्वाब अधूरे से…

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** मेरा वजूद कोई छोटी कहानी नहीं था, बस पन्ने जल्दी भर गए…जिन्दगी में ख्वाब देखने का सबको अधिकार है,पर जरूरी नहीं वह पूरे हो जाएं। मेरी भी जिन्दगी इसी तरह की है। आज ये वाक्य देख कर ५० साल पहले की सारी बातें चल चित्र की तरह घूमने लगी। एक तितली की … Read more

जिनका जीवन एक मिशन था

श्रद्धांजलि-स्व. डॉ. नरेन्द्र कोहली 🔳अनिल जोशी(उपाध्यक्ष-केन्द्रीय हिंदी संस्थान,शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार)anilhindi@gmail.comनरेंद्र कोहली से मेरा परिचय लगभग ३० वर्ष पुराना और घनिष्ठ है। जब मैंने ‘दीक्षा’ पढ़ा ही था अदुभुत! अविस्मरणीय! जिस देश में रामचरित मानस को गाली देना फैशन बन गया हो,वहां पर रामायण पात्रों में सहृदयता और प्रगतिशीलता भर कोहली जी ने रामकथा को नए … Read more

कभी कम न होगी तुम्हारे शब्दों की सुरभि…

श्रद्धांजलि:स्व. डॉ. नरेन्द्र कोहली ◾राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(भारत)-प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन से बहुत दु:ख हुआ। हिंदी साहित्य जगत में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया। पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना। ◾प्रधानमंत्री नरेन्द्र … Read more

रामकथा के मौलिक दृष्टा नरेन्द्र कोहली

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** श्रद्धांजलि आधुनिक युग में नरेन्द्र कोहली ने साहित्य में आस्थावादी मूल्यों को स्वर दिया है। सन् १९७५में उनके रामकथा पर आधारित उपन्यास ‘दीक्षा’ के प्रकाशन से हिंदी साहित्य में ‘सांस्कृतिक पुनर्जागरण का युग’ प्रारंभ हुआ,जिसे हिन्दी साहित्य में ‘नरेन्द्र कोहली युग’ का नाम देने का प्रस्ताव भी जोर पकड़ता जा … Read more

दया

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** रमेश रोज की तरह आज भी अपने विद्यालय से पैदल ही आ रहा था। तभी उसकी नजर सड़क किनारे चोटिल कुत्ते के बच्चे पर चली गई। वह समझ गया कि किसी वाहन की चपेट में वह बच्चा आ गया था। बच्चा दर्द से कराह रहा था। छोटे से बच्चे का दर्द उससे देखा … Read more

‘कोरोना काल’ या ‘काल’…??

तारकेश कुमार ओझाखड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************* हाल में कानपुर(उप्र)जाने का कार्यक्रम रद्द किया तो मन में सहज ही यह सवाल उठा-ये कोरोना काल है या दुनिया के लिए काल है कोरोना… ?? लेखकों के एक सम्मेलन में शामिल होने का अवसर पाकर मैं काफी खुश था। सोचा कानपुर से लखनऊ होते हुए गाँव जाऊंगा और … Read more

मेरा जुनून

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** बैंक के मुख्य द्वार पर सूचनापट्ट लगा हुआ था,जिस पर लिखा था-‘यहाँ हिंदी में लिखे हुए चैक भी स्वीकार किए जाते हैं।’देखकर दिल बुरी तरह आहत हुआ। आँखें लाल हो गईं। दिल में अंगारे सुलगने लगे। थोड़ी देर बैठ कर स्वयं को संयत किया फिर हिंदी अधिकारी के पास गई।‘महोदय क्या मैं … Read more

चुभन

सुश्री नमिता दुबेइंदौर(मध्यप्रदेश)******************************************** सारिका इंदौर मे जन्मी भारतीय संस्कारों में घड़ी रुड़की से आई.आई.टी. कर अमेरिका की एक नामी कम्पनी कार्यरत थी, कार्य के दौरान ही उसका परिचय सूरज से हुआ था। विचारों की समता परिणय में परिलक्षित हुई। उन्होंने अपनी बेटी निकिता को भी विदेशी मिट्टी में स्वदेशी संस्कारों की सौंधी महक से पोषित … Read more

होली का हुड़दंग

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… मेरे पति होली खेलने के बेहद शौकीन हैं। जब जवान थे तो बड़े सवेरे-सवेरे शोर मचना शुरू हो जाता था ‘पानी का टब भर लिया ? बाल्टियाँ भर लीं ? टेसू के फूल उबाल लिए ? गुब्बारे भर लिए ?’होली वाले दिन नहीं,बल्कि चार दिन पहले … Read more