इस्तीफा

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ ‘राखी’ प्रतिष्ठित एन.जी.ओ. में काम करने वाली सुंदर,होशियार व एक सुलझे हुए विचारों की युवती थी। अपना काम और घर व प्यारी-सी दो बेटियों को बहुत ही अच्छे ढंग से संभालती। आर्थिक तंगी के चलते वह अपने पति की मदद करना चाहती थी।बहुत दिनों से एक बात उसको खाए जा रही … Read more

हाय मेरा इश्क़!

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** “वो तेरी तरह मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाती!”“इसलिए हमेशा के लिए तुम्हें छोड़कर चली गई!”“उसकी कोई मज़बूरी रही होगी…।”“अक्लमंद निकली,किसी अमीर आदमी की बीवी बन कर ऐश कर रही होगी!”एक तीर-सी चुभती बात निकली और…तड़ाक!जब भी उसे छोड़कर जाती,सिद्धार्थ ताने देता और फिर यही होता। जैसे ही सिद्धार्थ का पीना शुरू … Read more

तलाक

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* रात के ३ बज रहे थे,पर नींद आँखों से कोसों दूर थी। सारी रात बिस्तर पर करवटें बदलता रहा। दस सालों से मैं वकालत के पेशे में हूँ,हर तरह के लोगों के बीच मेरा उठना-बैठना है। बहुत मामले (केस) सुलझाए थे मैंने। वकालत के गलियारे का शहंशाह माना जाता हूँ,लोग मुझे चेतक कहते … Read more

एक और प्रिया का अंत

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** नीना ने जैसे ही सुबह का समाचार-पत्र हाथ में लिया,सबसे पहले दुखद समाचार पर नजर पड़ी।आज फिर एक परी का बलात्कार…वह बिलकुल मरणासन्न अवस्था में हो गई।वह फिर बीते दुखी दिनों की याद में खो गई। भूलने पर भी अपने कलेजे के टुकड़े के साथ हुई घटना को नहीं भूल पाती। मेरी … Read more

अनकहे रिश्ते

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** विनोद इस साल हाई स्कूल की परीक्षा दे रहा था, उसका सेन्टर काफी दूर पड़ा था,गाँव के कुछ लड़कों का भी सेन्टर वही पड़ा था।विनोद का परिवार बहुत ही सीधा-सादा था। सभी लड़के सेन्टर पर बस से जाते थे। बस स्टॉप से सेन्टर तक का रास्ता एक घंटे का था। गाँव के लड़के … Read more

उपहार

वंदनागोपाल शर्मा ‘शैली’भाटापारा (छत्तीसगढ़)*************************** सप्ताह में सिर्फ़ एक दिन ही वह अखबार मांगने आती थी…दिन रविवार!वह आती जब बड़ी खुश दिखती थी…सुबह-सुबह चहकता-खिलखिलाता-सा उसका चेहरा दिनभर की ताजगी दे जाता था..। बच्चों के हॉस्टल चले जाने के बाद एक यही कभी-कभार दिख पड़ती थी…और बस उससे बात करना…बख्शी मैम को अच्छा लगता था।“आन्टी! आज का … Read more

कलेजे की बेबसी

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* माँ…माँ…मैं आ रहा हूँ माँ…मैं आ रहा हूँ माँ…चीख रहा था साहिल। उसकी चीख की गूंज ने दिल्ली के नुमाइन्दों की कुर्सी तक हिला कर रख दी थी। लोक सभा का कार्य कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। प्रधानमंत्री खुद इस प्रकरण को संभाल रहे थे। उनकी सख्त हिदायद थी … Read more

आदर्श सास

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* रविवार का दिन था,बच्चे पिक्चर चलने की ज़िद कर रहे थे,पर आज मेरी कहीं जाने की इच्छा नहीं हो रही थी। दस दिनों से गाड़ी के पेपर खोज-खोज कर घर मेंं सब परेशान हो गए थे। गाड़ी बेचनी थी औऱ,पेपर मिल नहीं रहे थे। दिमाग उसी में उलझा हुआ था आखिर पेपर गए … Read more

नीयत और बरकत

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** किसी गाँव में तीन भाई थे। वे जाति से कुम्हार थे। उनका पिता सीधा-साधा, ईमानदार,परिश्रमी और विवेकी था। समय से पिता ने अपनी सूझ-बूझ से तीनों के कारोबार और परिवार का अलग-अलग निर्वाह करने का आदेश दे दिया। पिता को पसंद नहीं था कि कारोबार को लेकर तीनों भाइयों और … Read more

सबक जिंदगी का

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… चारों तरफ होली का माहौल था। ‘होली है…होली है…’ की गूंज सुनाई दे रही थी। मैं और बहू रागिनी रसोई में पकवान बनाने में व्यस्त थे। तभी दरवाजे पर जोर-जोर से घंटी की आवाज सुन कर रागिनी दरवाजे की तरफ भागी।‘गरम चाय की प्याली हो….सामने बैठी घर … Read more