नया बरगद,बूढ़े बाबा
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** "इसे ही 'समय का फेर' कहते हैं। आज मैं बेसहारा हूँ,लाचार हूँ,पर भगवन भक्ति से मुख नहीं मोड़ा है। यही कारण है कि मैं अपने…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** "इसे ही 'समय का फेर' कहते हैं। आज मैं बेसहारा हूँ,लाचार हूँ,पर भगवन भक्ति से मुख नहीं मोड़ा है। यही कारण है कि मैं अपने…
वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) *********************************************** बेटे की शादी की तैयारियां लगभग पूर्ण हो गई थी। घर मेहमानों से भरा हुआ था। सिर्फ दो दिन बचे थे। आज हल्दी थी,कल महिला संगीत…
राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** रमेश बाबू अपने वर्तमान से संतुष्ट थे। स्थानीय पोस्ट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी शुरू की थी,वहीं पर अब पोस्टमास्टर हो गये थे।सरल,मीठा बोल,सहनशीलता उनका…
डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** शालू ग्रीष्मकालीन अवकाश में एक महीने के लिए बच्चों के पास पूना आयी थी। बेटा,बहू और बेटी सब एकसाथ रहते थे। बेटी,बहू दोनों एक ही…
वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) *********************************************** "चल रोहित लंच करते हैं",आशीष ने रोहित से आकर कहा।आशीष रोहित का सहयोगी था। ऑफिस में लंच टाइम हो चुका था,लेकिन रोहित का आज लंच करने…
वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) *********************************************** "मम्मी शुभी स्कूल से आ गई..!" ठीक साढ़े तीन पर अरिजीत का फोन आ जाता था। "नहीं बेटा अभी नहीं आई.." "घड़ी देखिए,पौने चार हो रहे…
जितेन्द्र वेद इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* निशांत बार-बार सोच रहा था,पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि एक केले से देश का कौन-सा बड़ा नुकसान हो गया कि बात को इतना…
वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) *********************************************** बच्चे स्कूल से आ चुके थे,उन्हें खिला-पिला कर तैयार कर नीचे खेलने के लिए भेज दिया पल्लवी ने। ४ बज चुके थे,इस समय तक पल्लवी थोड़ी…
रेणु झा 'रेणुका' राँची(झारखंड) ******************************************************************* बचपन से देखा मैंने उस दादी को,वह सभी की दादी थी। हम उन्हें दादी कहते हैं,पापाजी भी दादी कहते हैं। यानी बच्चे,बड़े सभी की दादी।…
मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** सरस्वती विद्यालय में रुक्मिणी जी का आगमन एक हिन्दी शिक्षिका के रूप में हुआ। वह छठी कक्षा को हिन्दी पढ़ाती। पहले कुछ दिनों में उन्होंने बच्चों…