सामाजिक समस्याओं को उकेरता द्वन्द

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** पटना के रचनाकार कवि आशुतोष कुमार झा ने अपने द्वन्द काव्य संकलन(नई दिल्ली) में सामाजिक समस्याओं को अपनी कविताओं का विषय बनाते हुए भ्रष्टाचार, भुखमरी,बढ़ती महँगाई,मजदूरों के ताजा हालातों के साथ ही देश के विभिन्न त्योहारों व राष्ट्रीय पर्वों पर आधारित रचनाएँ लिखी है। इस संकलन में अंगार से लेकर श्रृंगार … Read more

नव चिंतन,संस्कारों और मूल्यों की ‘स्वप्निल हकीकत’

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** काव्य जहां हमारी भावनाओं को अभिव्यक्ति देता है,तो दूसरी और वह हमारी चेतना को भी झकझोरता है,तथा सामाजिक विषमताओं पर भी आघात करता है। कविताएं जहां एक ओर हमें कोमलता का अहसास कराती हैं,वहीं हमें जीने की कला भी सिखाती है,और अगर कहीं सृजक ‘प्रीति भारती’ जैसी युवा ऊर्जस्वी हो,तो … Read more

माँ से प्यारा नाम नहीं संवेदनाओं से ओत-प्रोत कविताएँ

बुद्धिप्रकाश महावर मनमलारना (राजस्थान) **************************************************** ‘माँ से प्यारा नाम नहीं’ काव्य संग्रह(जयपुर) काव्य जगत में स्थापित एवं वरिष्ठ कवि टीकम बोहरा ‘अनजाना’ की एक संवेदनशील कृति है। माँ शब्द देखने में सबसे छोटा है,परंतु इसकी महानता आकाश से भी ऊंची और गहराई समुद्र से भी अधिक है। पुस्तक का केन्द्र बिंदु माँ को रखना कवि … Read more

‘धुन्ध,धुआँ और धूप’ युगीन परिवेश का यथार्थ निरूपण

पुस्तक समीक्षा ………………. वरिष्ठ कवि सुरेशचंद्र ‘सर्वहारा’ (राजस्थान) यथार्थवाद के अप्रतिम कवि हैं। जीवन की विसंगतियों को जस के तस शब्दों और भावों से समन्वित करके पाठकों के सम्मुख तादृश कर देना इनकी सुपरिचित शैली की विशेषता है। ‘सर्वहारा’ की पुस्तक की प्रथम ३ कविताएँ ‘धूप’, ‘धुन्ध’ और ‘ढलती हुई शाम’ काव्य संग्रह के शीर्षक … Read more

सामाजिक मूल्यों को पोषित करती कृति ‘सपनों के सच होने तक’

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** पुस्तक समीक्षा………………. एक कविता जितनी देर में पढ़ी या सुनी जाती है, उससे हजार गुना अधिक समय में वह कागज पर अवतरित होती है,और उससे भी हजार गुना समय उस विषय को चिंतन-मनन करने में कवि लगाता है। लब्ध प्रतिष्ठित कलमकार राजकुमार जैन ‘राजन’ की कविताओं का दूसरा संग्रह ‘सपनों … Read more

संघर्ष और जिजीविषा का दर्शन है ‘उस औरत के बारे में’

पुस्तक समीक्षा…………… छंदमुक्त काव्य प्राँगण में डॉ. आशा सिंह सिकरवार (गुजरात)की लेखनी स्त्री की समुचित वेदना को स्वर देती जान पड़ रही है। स्त्री उसका संघर्ष,उसकी घुटन उसकी तड़प और इन सब भावों में घुली उसकी जिजीवषा संवेदना के मूक धरातल पर किसी घँटे की प्रतिध्वनि है। नारी जीवन की क्षण-क्षण की यंत्रणा को जैसे … Read more

नई पीढ़ी को उद्वेलित करती है ‘सिंहनाद

‘सिंहनाद’ पुस्तक के सिंह अनुज मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ को बधाई देना चाहता हूँ कि श्रृंगारकाल में आपने सिंहनाद किया। जैसा आपने ‘मनु की कलम से’ में लिखा है कि यह आपकी द्वितीय कृति है। आजाद पूरण सिंह राजावत ने इस कृति की भूमिका लिखते हुए मैथिलीशरण गुप्त के एक कालजयी पद को उद्धत किया … Read more

व्यंग्य और हास्य का बेहतरीन संतुलन ‘डेमोक्रेसी स्वाहा’

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** बहुत छोटी उम्र में व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी पैठ बना चुके सौरभ जैन का हाल ही में पहला व्यंग्य संग्रह ‘डेमोक्रेसी स्वाहा’ (भावना प्रकाशन,दिल्ली) प्रकाशित हुआ है। ५२ व्यंग्य इस संग्रह में प्रकाशित है,जिनमें से अधिकांश विभिन्न दैनिक अखबारों के व्यंग्य का स्तंभों में प्रकाशित हुए हैं,तो कुछ अप्रकाशित … Read more

युवाओं का मार्गदर्शन करती `जीना इसी का नाम है`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** वर्तमान में बाल साहित्य उन्नयन के लिए एक नाम देशभर में जाना-पहचाना है,वह है राजकुमार जैन राजन काl बाल साहित्य के अलावा भी उनका अध्ययन और लेखन अन्य विषयों पर भी बहुत गहन रहा हैl तीन दशक से भी अधिक समय से सम्पादन कार्य से जुड़े हुए हैंl राजन जी … Read more

‘आधा आदमी’ का समूचा आख्यान

संदीप ‘सरस’ सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* उफ़्फ़फ़….इतनी मानसिक,शारीरिक और सामाजिक यंत्रणा! यकीन नहीं होता,यह हमारी ही तरह मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले किन्नर समाज के लोग हैं,जो किसी शारीरिक अक्षमता के चलते इतनी उपेक्षा,इतनी वितृष्णा झेलने के लिए अभिशप्त हैं। यकीनन सक्षम कलमकार ‘राजेश मलिक’ के उपन्यास का नाम भले ही ‘आधा आदमी’ है, लेकिन वह … Read more