होली में
मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’ महासमुंद(छत्तीसगढ़) ************************************************** कोई भी बुरा काम ना हो,बस प्यार ही प्यार हो होली में, नजर नजरिया बदलकर रखना अपनत्व हो बोली में। शुभ आगमन हो…
मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’ महासमुंद(छत्तीसगढ़) ************************************************** कोई भी बुरा काम ना हो,बस प्यार ही प्यार हो होली में, नजर नजरिया बदलकर रखना अपनत्व हो बोली में। शुभ आगमन हो…
निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ नैनों में 'नीर', कौन समझता है मन की पीर। वक्त की मार, हर पल बहती अश्रु की धार। घाव गंभीर, बेदर्द है ज़माना…
शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** फाल्गुन प्यारा आया रे,कि खेलते होली हैं बृज की, क्योंकि बसंत बहार है। बृज की जो होली कृष्ण ने खेली, रास रची लीला सभी गोपी…
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** मैं हूँ नारी भारत की,मैं नित-नित पूजी जाती हूँ, मैं संस्कार की सूचक हूँ मैं,पुण्य धरा की थाती हूँ। नेह-स्नेह की प्रीत प्यार की,ये अपनी…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** भारत का वीर जवान हूँ मैं, ना हिंदू ना मुसलमान हूँ मैंl भारतमाता के चरणों की, धूल में पला इंसान हूँ मैंl भारत का वीर…
अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ फाग आया,मचले मन उमंग, तन में सागर उमड़े,धड़कन हुई तरंग कैसे खेलूं फाग,जब तुम नहीं हो संग...l सपनों में सजते,अरमानों के रंग, कर लूं…
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* होली के नहीं रहे हैं,वह पहले जेसै रंग, हर बार हो रही है यह होली क्यों बेरंग। कुछ स्ट्राइक हुई,पर अभी कई आतंकी, मनाते हैं…
मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** चुनाव का अब,माहौल आया, सब मिल नेता,योग्य ही चुनें झूठे वादे कर,न जनता लूटे, कर्तव्य निभाते,करे कार्य पूरे। कागज़,पन्नों में,खिंचे खाका, न लोकहित,न विकास करता सही…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ रेत पर नाम लिखाने से क्या होगा, क्या उसको संदेशा तुम दे पाओगे। जब वो आये यहां पर घूमने को, उसे पहले कोई लहर आ जायेगी।…
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प:विधान१० वर्ण,१६ मात्रिक, भगण मगण सगण गुरु २११ २२२ ११२ २,दो दो पद समतुकांत हो) रंग सजे सीमा पर सारे। शंख बजाए कष्ट निवारे। संकट…