राम ही राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** राम ही प्राणमर्यादा का पर्यायराम ही धाम। सत्य सूरतराम का जीवनकर्म मूरत। राम ही राहबनें जीवन-राजासबकी चाह। पुरूषोत्तमवचन है निभायाराम उत्तम। दुःख तमाममिला वनवास भीसंतोषी राम। है…

0 Comments

कृपा आप कीजिए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** शीश चन्द्र हैं सजाए,सर्प कंठ लटकाएआशुतोष कृपावंत,कृपा आप कीजिए। अंग भभूति लगाए,गंग जटा में समाएभोलेनाथ त्रिपुरारी,आप सुधि लीजिए। हाथ में त्रिशूल साजे,बाँए अंग गौरा राजेशिव शंभू भोलेनाथ,मुझको…

0 Comments

छलक आए आँसू

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* क्यों छलक आए हैं मेरी आँखों से ये आँसू ?रोकना चाहती हूँ, फिर भी आ ही जाते हैं ये आँसू। कोई क्यों नहीं पहचानता मेरे जज्बातों…

0 Comments

नसीब मेरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प: १२१२-२१२-१२२-१२१२-२१२-१२२... मिले कभी तो मुझे मुहब्बत, सजा सके जो नसीब मेरा।जिसे जरूरत मुहब्बतों की, बना रहे वो हबीब मेरा। मिटे न मुश्किल मिले न…

0 Comments

अन्तर्मन की पुकार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* लोकतंत्र का पर्व है, अवसर जन अधिकार।अन्तर्मन जनमत समझ, भारत करे पुकार॥ पुकार रही माँ भारती, तरुण वीर सन्तान।शंखनाद अरिघात कर, उठो करो मतदान॥…

0 Comments

मर्म के आँसू… छलक आते हैं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** अपनों को देखकर,आँखों से जो छलक आते हैंवो मर्म के आँसू होते हैं,रोके रुकते नहीं हैंबस बहते चले जाते हैं,हृदय का स्पंदन होते हैं। मन के भावों…

0 Comments

कहते एक बार तुम प्रियवर

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मैं निज सर्वस्व दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर।तन-मन का हर कण दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर॥ काँटों को में दूर हटाकर,…

0 Comments

खो जाना भी बेहतर

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** खो जाना भी कभी-कभी बेहतर होता है,कम से कम पता तो लगे कि, कौन-कौन रोता है ? जिनके लिए ज़माने में फरिश्ता था मैं,गुम हुआ तो समझा,…

0 Comments

महागौरी माता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* महागौरी माँ को नमन्, विनती बारम्बार।अम्बे मैया तू हटा, मेरा सब अँधियार॥ अष्टम दिन शुभ-आगमन, मंगल बाजें ख़ूब।तेरी पूजा जग करे, भक्तिभाव में डूब॥ करती है…

0 Comments

जब शाम होती है

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** दिमाग को कमाई फिकर रहती है,वापस घर आते-आते शाम होती है। दिनभर इसका अहसास नहीं होता,मन पेट के चक्कर में खो जाता है। समस्या नयी रोज सामने खड़ी…

0 Comments