आइए,चलते हैं ‘गुलाबी नगर’ की सैर पर

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ विश्व प्रसिद्ध राजस्थान का ‘गुलाबी नगर’ जयपुर मेरा पसंदीदा शहर है। सौभाग्य है कि वर्षों मुझे यहाँ रहने का अवसर प्राप्त हुआ। बहुत करीब से देखा-जाना है शहर को-यहाँ की जीवन-शैली,परम्पराओं और संस्कृति को। गुलाबी रंग की रंगत लिए जयपुर कीचारदिवारी वाला प्रसिद्ध गुलाबी नगर,इसका कलात्मक परकोटा,गुलाबी इमारतें-महल, कला-सांस्कृतिक परम्पराएं,उत्सव,हस्तशिल्प सभी कुछ … Read more

कृषि-कानूनःकांग्रेस का शीर्षासन

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************************* संसद द्वारा पारित कृषि-कानूनों के बारे में कांग्रेस दल ने अपने-आपको एक मज़ाक बना लिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस शीर्षासन की मुद्रा में आ गई है,क्योंकि उसने अपने २०१९ के चुनाव घोषणा-पत्र में खेती और किसानों के बारे में जो कुछ वायदे किए थे, वह आज उनसे एकदम उल्टी बात कह … Read more

नवरात्रि में जसगीत का महत्व और छत्तीसगढ़

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारतीगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************* माता फूल गजरा,गूंथव हो मालिन के देहरी फूल गजरा…,भारतवर्ष में नवरात्रि पर्व को वर्ष में २ बार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और देवी की आराधना की जाती है। वर्ष में ४ नवरात्रियां होती है जिनमें २ नवरात्रि गुप्त अथवा सुप्त नवरात्रि कहलाती है और २ नवरात्रि जागृत नवरात्रि कहलाती … Read more

‘कोविड’ के साथ मेरे अनुभव…

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** मैं यात्रा करके घर आया,तब मुझे कुछ हरारत और बुखार जैसा लगा। मैंने सचिन को बताया,उन्होंने मेरी ‘कोरोना’ जाँच कराने की व्यवस्था बनाई,तो दूसरे दिन मेरी रिपोर्ट ‘पॉजिटिव’ आई। ५ मिनट के चिंतन के बाद मैं स्तब्ध हो गया…मैंने अपना जीवन क्षणिक होने का एहसास कर समस्त राग-द्वेष त्याग कर ‘णमोकार महामंत्र’ का … Read more

घर वही,जहाँ बुढ़ापा खिलखिलाए

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)***************************************************** किसी ने सच ही कहा है कि जिस घर में बुजुर्ग सन्तुष्ट व प्रसन्नचित्त रहते हैं,वह घर धरती पर स्वर्ग के समान है,परन्तु आज आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य में रिश्तों में उत्पन्न व्यवहारिकता,आपसी सामंजस्य व घटती सम्मान की भावना के कारण ऐसा स्वर्ग अब अपवाद का रूप लेता जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों … Read more

हुआ कुछ यूँ…

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************************* गांधी जयंती विशेष………………. मैंने आज विद्यालय के एक बच्चे से पूछा-आज क्या है बेटा ?तो उसने कहा-गाँधी जयंती…मैंने पुनः पूछा-सिर्फ़ गाँधी जयंती..!तो उसने कहा-हाँ…lसचमुच,ये कोई हैरान कर देने वाला उत्तर नहीं हैl आप जिससे भी पूछिए,आपको भी… यही उत्तर हर तीसरा व्यक्ति दे देगा…lआख़िर क्यूँ हमारे पूर्व प्रधान मंत्री लालबहादुर शास्त्री का पुण्य … Read more

आदर्श जीवन की मिसाल गांधी और शास्त्री जी

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) *************************************************** गांधी जयंती विशेष………….. महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री ऐसे दो महामानव जो भारत के भाग्य विधाता रहे,जिनकी विचारधारा एक-दूसरे की पूरक रही। जो देश के लिए जिए और देश के हित में ही काल के ग्रास बने। देश और समाज के प्रति दोनों की समर्पण भावना में किंचित मात्र भी संदेह … Read more

हिन्दी के विकास में गाँधी जी का योगदान

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************************** गांधी जयंती विशेष………….. अप्रतिहत स्वतंत्रतासेनानी,अतुलनीय देशभक्त,जन-जन के बापू राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म दिवस २ अक्टूबर को पड़ता है। बापू हमारी परम्परा के ऐसे विरले चिंतक हैं,जो प्रकाश के साथ-साथ अंधकार को भी दूर तक देखते थे। हमारे चिंतन में जो सर्वोच्च था,वह महात्मा गाँधी के रूप में शरीर … Read more

महानायक का मौन-मुखर व्यक्तित्व

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ********************************************************** बोलने को तो सभी बोलते हैं। नदी,नाले,समंदर,झरने भी बोलते हैं। पशु-पक्षी भी बोलते हैं। महसूस करें तो विनाश के पूर्व और बाद का सन्नाटा भी बोलता है,किन्तु ये सब सिर्फ बोलते हैं या सिर्फ चुप रहते हैं। इंसान ही ऐसा है जो बोलकर भी चुप रह सकता है और चुप … Read more

पं. उपाध्याय का भाषा चिंतन

प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामीदिल्ली *********************************************************** पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति में एक जाना-माना नाम है। उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। बाद में संघ के संगठनकर्ता के रूप में काम करने लगे। १९५० में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर एक राजनीतिक दल भारतीय जनसंघ … Read more