जीवन-गाड़ी के दो पहिए ‘नर-नारी’

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************************** नर-नारी का अनन्याश्रित संबंध हैl दोनों जन्म से भले अलग ईकाई हैं,पर विवाह से जीवन में मिलकर वे एक ईकाई बन जाते हैंl एक-दूसरे के बिना वे अधूरे हैं। कोई लड़की,लड़के के साथ मिल जाती है,तभी वह नारी कहलाती है। शादी के बाद ही यह होता है पर,शादी के … Read more

चीन से हमारे रिश्तों की पड़ताल:विश्लेषणात्मक अध्ययन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** गलवन में हमारे २० बहादुर जवानों के बलिदान ने समूचे देश को गुस्से से भर दिया है। इस घटना से हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान को चोट पहुंची है। अब भारत,चीन के दुस्साहस का जवाब कैसे देता है,यह न केवल हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा,बल्कि विश्व व्यवस्था पर भी अपना प्रभाव छोड़ेगा। मौजूदा … Read more

स्वभाषाओं के बिना शिक्षा नीति अधूरी

निर्मलकुमार पाटोदीइन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************************** नई शिक्षा नीति की अनेक विशेषताओं में से एक बड़ी विशेषता कौशल के आधार पर विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाने की है। इसमें पाठ्यक्रम को कम रखते हुए अन्य गतिविधियों को जगह दी गई है। अब शिक्षा कोरी दिमाग़ी और किताबी न होकर जीवन का निर्माण करने के लक्ष्य को भी पूरा करेगी। १२६ … Read more

हिन्दी का घर बाँटने वाले सांसद

डॉ. अमरनाथ,कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************************* एक ओर जहाँ देश में ‘हिन्दी दिवस’ और ‘हिन्दी सप्ताह’ मनाया जा रहा था,तो दूसरी ओर हिन्दी दिवस के दिन ही लोकसभा में एक सांसद हिन्दी की जड़ में मट्ठा डाल रहे थे। माननीय जगदंबिका पाल खुद भी भोजपुरी क्षेत्र के नहीं हैं,लेकिन उन्होंने संसद में हिन्दी की एक बोली भोजपुरी … Read more

भारत को मिले निषेधाधिकार

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************************* संयुक्त राष्ट्र संघ के ७५ वें अधिवेशन के उद्घाटन पर दुनिया के कई नेताओं के भाषण हुए,लेकिन उन भाषणों में इन नेताओं ने अपने-अपने राष्ट्रीय स्वार्थों को परिपुष्ट किया,पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसे बुनियादी सवाल उठाए,जो विश्व राजनीति के वर्तमान नक्शे को ही बदल सकते हैं। उन्होंने सुरक्षा … Read more

हिंदी को शीर्ष पर प्रतिष्ठित करें,वह अधिकारिणी

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** हिंदी केवल हमारी मातृभाषा नहीं,हमारी पहचान भी है। इस पर गर्व करना सीखें और नई पीढ़ी को भी गर्व करना सिखाएं। भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है,परन्तु जब देश की बात होती है तो देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी ही … Read more

किसान विधेयकों पर व्यर्थ का टकराव

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************* राज्यसभा में विपक्ष द्वारा कृषि विधेयकों के विरोध प्रकट करने का असंसदीय एवं आक्रामक तरीका,सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तकरार,८ सांसदों का निलंबन और इन स्थितियों से उत्पन्न संसदीय गतिरोध लोकतंत्र की गरिमा को धुंधलाने वाले हैं। अपने विरोध को विराट बनाने के लिए सार्थक बहस की बजाय शोर-शराबा और नारेबाजी की … Read more

कट्टरता यानि दृढ़ता,धर्म का उन्माद नहीं

अरशद रसूलबदायूं (उत्तरप्रदेश)**************************************************** मौजूदा दौर में ‘कट्टर’ शब्द का एक नया मतलब सामने आया है। इस शब्द का विकसित नया अर्थ राजनीति में भी खूब प्रचलित हुआ है। सकारात्मक रूप से मैंने इस शब्द को देखा,पढ़ा और समझा है। कट्टर शब्द ऐसा बिल्कुल नहीं है,जैसा इसको पेश किया जा रहा है।कट्टर का शाब्दिक अर्थ ‘अपने … Read more

फिल्म उद्योग में नशीले पदार्थों की भूमिका की जांच जरुरी

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ***************************************************** फिल्म जगत में ही नहीं,बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों की भूमिका की जांच होनी चाहिए,ताकि मालूम हो सके कि भारत में ये कहां से और कैसे आती है ? वहां से आगे किस प्रकार फिल्म उद्योग में प्रवेश कर फिल्मी सितारों तक पहुंचती है ? इन समस्त … Read more

अस्तित्व की खोज

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ************************************************************ अस्तित्व है क्या ? किसी चीज के होने का बोध,कुछ भी होने का भाव,हैसियत या मौजूदगी। भूतकाल में,वर्तमान से या भविष्य के लिए अस्तित्व।हर जीव की तरह हमारी आँख खुलते ही सोच दिमाग में आती है-मैं कौन हूँ ? कहाँ और कैसे आ गया ? और इसकी खोज शुरू हो जाती … Read more