जीवन-गाड़ी के दो पहिए ‘नर-नारी’
योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************************** नर-नारी का अनन्याश्रित संबंध हैl दोनों जन्म से भले अलग ईकाई हैं,पर विवाह से जीवन में मिलकर वे एक ईकाई बन जाते हैंl एक-दूसरे के बिना वे अधूरे हैं। कोई लड़की,लड़के के साथ मिल जाती है,तभी वह नारी कहलाती है। शादी के बाद ही यह होता है पर,शादी के … Read more