कैसे शब्द सजाऊँ…?

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** कैसे शब्द सजाऊँ साथी…?? कैसे शब्द सजाऊँ…??दुनिया में घनघोर तबाही,कैसे शब्द सजाऊँ…?? आज सिमटता-मिटता जाता,मानवता का सागर,आत्मा प्यासी,सूखी-सी है,प्रेम के रस की गागर।नहीं मिलता…

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महके ओ हमजोली

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** लगाए जख्म में मरहम,वही होती मधुर बोली।हँसाती,गुदगुदाती,छेड़ती,महके ओ हमजोली॥यूँ तो जीवन हुआ पतझड़,और काँटों भरी राहें।अगर मधुमास दिख जाए,तो समझो आ गई होली॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और…

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भक्त प्रहलाद जैसों से पृथ्वी पावन

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) विशेष… भारतवर्ष सुंदर और समृद्ध देश है। इसमें हिंदू, मुस्लिम,सिख,ईसाई अनेक धर्मों के लोग रहते हैं,जो विविध त्योहार भली-भांति मनाते…

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होली का रंग

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… तुम्हें कैसे रंग लगाएं,और कैसे होली मनाएं ?दिल कहता है होली,एक-दूजे के दिलों में खेलोक्योंकि बाहर का रंग तो,पानी से धुल…

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होली के रंग में

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… होली के रंग में रंग जाएं आज।चलो खेलें मिल-जुल के हम होली आज॥ कलुष कुटिलता मन से हटायें,राग-द्वेष सारे मन…

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रूह का रंगरेज़

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कविता,जो प्रीत के साथ ही बी.ए. फाइनल ईयर में थी,ने कहा-'प्रीत! कौन सी किताब पढ़ रही है ? आज…

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होली निहारूँ बाट

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)***************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… गीता छंद विधान:२६ मात्रा(२२१२ २२१२ २२१२ २२१)१४,१२ पर यति,२ पद समतुकांत) होली मचे फागुन रमें,फसलें रहे आबाद।पंछी पिया कलरव करे,उड़ते फिरे आजाद।…

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होली के रंग

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… रंगों से सब रंगे हुए थे,पर मन से हम रंग ना पाये।उलझनें लेती अंगड़ाई,बात ये मन की कह न पाये। शिकवे…

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फाग संग-जीवन रंग

श्रीमती पूर्णिमा शर्मा पाठकअजमेर (राजस्थान)********************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… खिले फागुन संग जीवन के रंग,आओ सखियों बज गए चंगकान्हा आये राधे आई,ललिता ने जी भरधूम मचाई।उद्धव ने रंग…

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सबक जिंदगी का

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… चारों तरफ होली का माहौल था। 'होली है…होली है…' की गूंज सुनाई दे रही थी। मैं और बहू रागिनी रसोई में पकवान…

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