प्यारा मधुमास आया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** आज चली है पवन बसंती जिसने सबका मन हर्षाया।झूम उठे हैं पादप सारे ये प्यारा मधुमास है आया। कलियाँ खिली फूल मुस्काये भंवरे गुन-गुन करते आये,फूलों…

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धरती का भगवान

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*************************************** दाल और बस रोटी ही,भोजन में पकवान बना,गोल घड़ी थी चश्मा था जो,जीवन की पहचान बना।निज कपड़े निज बर्तन सारे,खुद ही धोया करता था-कहने को इंसा था…

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रंगों की माया

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** रंग उड़ाओ,खुशी मनाओ,जलेबी-फाफड़ा खाओ।गुलाल में भीगकर बंटी है आया,बस रंगों की है यह माया…॥ बुरा न मानो,खुशियां मना लो।शिव भी आज सोम पीकर है छाया,बस रंगों की…

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२ पुस्तकों का १४ को लोकार्पण

गुरुग्राम(हरियाणा)। शब्द शक्ति साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में स्थानीय सी.सी.ए. विद्यालय सेक्टर-४ में १४ फरवरी २०२१ को २ पुस्तकों का लोकार्पण होगा। इसके मुख्य अतिथि कमलेश भारतीय (पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा…

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तब तुम मेरे पास आना प्रिये

निक्की शर्मा `रश्मि`मुम्बई (महाराष्ट्र)********************************************* अंतर्मन की लहरें पग-पग उठने लगे,यौवन भी जब पल-पल महकने लगेप्यार के फूल कलियां जब खिलने लगे,…तब तुम मेरे पास आना प्रिये। सुरमई सांझ भी जब…

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मिले प्रतिष्ठा तब वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************* समझो ये चेतावनी,करे जो देश विरोध।भूल प्रतिष्ठा वतन की,बने प्रगति अवरोध॥ शौर्य वीर सीमा वतन,उद्यत नित बलिदान।तजो स्वार्थ द्रोही वतन,करो राष्ट्र सम्मान॥ तभी प्रतिष्ठा…

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हँसी में उदासी

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ सोंचा ज़िन्दगी रौशन हुई है हमारी,पता न था वो गुनाहों से घुली-मिली है। क़िस्मत थी कभी मेरी हमसफ़र,वो परिंदे-सी आज़ाद मनचली है। नसीबा इस क़दर रूठ जायेगा मेरा,आँख…

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बसन्त सुखदाई

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** धरा ने धानी चुनर है लहराई,देख पवन भी है मुस्कुराई। टेसू पलाश खिलने लगे,पीत सरसों गले मिलने लगे। अमराई में कोयल गाये,आम्र मंजरियाँ मन को भाए। छेड़े तान…

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अपराधों का कानून से रुकना संभव नहीं

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)************************************* सामयिक चिंतन.... जब से सृष्टि का उदय हुआ और मानव युगल में हुए,तब से अपराध-पाप आदि शुरू हुए। कारण मानव में मन होने से वह सबसे अधिक समाज…

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लोकतंत्र:भारत को मनोबल ऊँचा रखना होगा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* भारत में लोकतंत्र की हालत क्या है,इस मुद्दे पर हमारे देश में और दुनिया में आजकल बहस तेज हो गई है। इस बहस को धार दे दी…

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