आया बसंत

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** आया बसन्त का राजा है,झूम उठे हरियाली, पेड़ों पर बैठे हैं पंछी,चहके डाली-डाली। मौर आ गए आमों पर,महक लगे सुहानी, गीत गाते बच्चे सारे,दादी…

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महर्षि दयानंद सरस्वती…मूल से महर्षि तक

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** `मूल शंकर`...वह बालक, जीवन के मूल मंत्र जब जान गया। महर्षि बनकर, संपूर्ण, मानव जाति को तार गयाll जीवन के, मूल मंत्र जब जान…

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आओ `बाबा`,गरीबों के घर के आगे देखो दीवार

नवेन्दु उन्मेष राँची (झारखंड) ********************************************************************* कांग्रेस का `गरीबी हटाओ` का नारा अब फ्लॉप-शो होकर रह गया है। अब तो भाजपा सरकार का नया नारा है। गरीबों के घर के आगे…

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समिति ने किया बाल साहित्यकार राजा चौरसिया का अभिनंदन

इन्दौर(मप्र)। देश की प्राचीनतम हिंदी भाषा, साहित्य की संस्था श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में आकर मैं अभिभूत हूँ। इस भूमि को सादर प्रणाम करता हूँ,जहां महात्मा गांधी जी…

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दूत

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* जब कोई नहीं रहता, तब कोई तो होता अपना बाँटो जब खुशियाँ, खुशियाँ हो जाती दुगनी। तब सोचते यदि होते तो, खुशियाँ छू जाती जाती…

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‘माँ’ कहाँ क्या करती है!

डॉ. वसुधा कामत बैलहोंगल(कर्नाटक) ******************************************************************* माँ कहाँ क्या करती है,बस चूल्हा-चक्की करके बस एक घर ही तो संभालती है। वो कहाँ क्या करती है...! हम सब जानते हैं माँ की…

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शान्ति का परचम लहराना है

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** हमें धरा पर शान्ति का परचम् लहराना है, स्वार्थ को दूर भगा इसे स्वर्ग बनाना है। खून के रिश्ते सिसक रहे, रिश्तों में आ…

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प्यार या…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताए, कहाँ वो चले गए हैं। रातों…

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हे माँ शारदे

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’  दिल्ली ****************************************************************************** हे शारदे माँ हे सरस्वती, कर लो अब माँ स्वीकार तुम चरणों में नमन मेरा। तू ही विद्या का है सागर, है ग्यान की माँ…

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पिता पालक..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ पिता पालक- परिवार का होता, सच्चा साधकl पिता महान- उसके चरणों में, सारा जहानl पिता संस्कार- सब पर लुटाता, निःश्छल प्यारl पिता उड़ान-…

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