होली पर्व पर कई रचनाकार सौहार्द सम्मान से सम्मानित

बाराबंकी(उप्र) | राष्ट्रीय शिवशक्ति साहित्य कला उन्नयन मंच द्वारा संचालित शिवेतरक्षिति साहित्य सृजन मंच बाराबंकी,अवधप्रांत, उत्तर प्रदेश के रचनाकारों द्वारा रंगोत्सव कार्यक्रम किया गया। इसमें कई रचनाकारों को सौहार्द सम्मान…

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आशा और आँसू के द्वीप

  डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** किताबों में पढ़ा था,दुनिया के पर्यटन नक़्शे में जिसे कई बार देखा था उसे खुली आँखों से कभी देखूँगी नहीं सोचा था पर समय के…

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व्यथा दर्शन:मोबाईल का गुम होना और नींद का खोना

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** मोबाईल का सभी के पास होना अनिवार्य हो गया। जीवन की आश्यकताओं में मोबाईल भी शामिल हो ही गया। पुराने समय में चिठ्ठी-पत्री कबूतर,और धीरे-धीरे…

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बिखरे रंग

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* इस होली पर हमने देखे सबके कैसे कैसे रंग। कुछ माथे,कुछ चेहरे पे चढ़े और कुछ घूमे वस्त्रों के संग। भर पिचकारी मारें बच्चे…

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ज्वलन्त समस्या-केबल पर अनचाहे विज्ञापन और धनवृद्धि

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ देश में केबल और विज्ञापन वार चल रहा है। केबल कनेक्शन के साथ विभिन्न पैकेज लेना पड़ रहे हैं और धन भी ज्यादा देना…

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काश! मैं होता सांसद

हेमेन्द्र क्षीरसागर बालाघाट(मध्यप्रदेश) *************************************************************** काश! मैं होता सांसद,यह प्रश्न बार-बार मेरे जेहन में कौंध रहा है कि मुझे अब सांसद बनने जनता की अदालत में जाना चाहिए। इसलिए कि मेरे…

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सागर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मैं सागर हूँ महार्णव अति गह्वरित, धरा के आँचल में समेटे स्वयं को या यों समझ माँ की आबरू को ढँक तीनों दिशा…

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मेरा देश

  डॉ.स्नेह ठाकुर कनाडा ******************************************************************* मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है, भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक, और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता काl भारत…

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फागुन

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़  ************************************************** फागुन आया मस्ती लाया,रंग गुलाल उड़ाये। बाग-बगीचा सुंदर दिखते,भौंरा गाना गाये॥ पीले-पीले सरसों फूले,खेतों में लहराये। सोने जैसे गेहूँ बाली,सबके मन को भाये॥…

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क्या यही माँ ??

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* पूछ रही हूँ मेरी माँ मैं तुझसे,बस तू ये मुझको बता दे, क्यो फेंका मुझे कूड़ेदान में,अब मुझको तू ये जता दे। नौ महीने तक…

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