बाबुल तेरे अंगना में

रुपा कुमारी हावड़ा(पश्चिम बंगाल) ************************************************************* बाबुल तेरे अंगना में, मैं मस्त हवा का झोंका हूँ। बाबुल तेरे शहर में, मैं परियों की शहजादी हूँ। बाबुल तेरे अंगना की, मैं चहकती…

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भ्रमित पाक को बदलनी होगी आतंकवाद के प्रति अपनी सोच

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’  इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** 'आतंकवाद' का नाम लेते ही सीरिया तथा इराक के भयानक और दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आ जाते हैं। वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर अमेरिका…

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जगती चेतना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* मँहगाई से ऊब चुका हूँ थोड़ी साँस हमें लेने दो, जग में व्याप्त बुराई से लड़-लड़ कर मैं टूट गया हूँ, थोड़ा मुझे सुधर लेने दो।…

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तन-मन भीगा जाय

सुषमा दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** रंगों की बौछार में,तन-मन भीगा जाय। आया फागुन झूम के,सजनी बहुत लजाय॥ आयो मौसम प्रेम को,आम गयो बौराय। गाए कोयल प्रेम धुन,फागुन भी इतराय॥ आँगन में…

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अंधेरे से नहीं डरती

सुनीता उपाध्याय`असीम` सिकन्दरा(उत्तरप्रदेश) ************************************************************* किसी का दु:ख नहीं मैं दूर कर सकती जहाँ में, गरीबों को गले से मैं लगा लेती हूँ लेकिन। कभी भी मोह-माया पर भटकता ध्यान है…

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ताक़त है आज़मानी आज फिर

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** साथ मिलकर ईद होली है मनानी आज फिर। प्यार की गंगा हमें यारों बहानी आज फिर। खोल दी है याद की इक…

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धूप

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** उदास-सा मैं इंडिया गेट के मैदान में चला आया था।कुछ जोड़े किनारे की घास पर बैठे थे।किशोर मैदान में क्रिकेट खेल रहेथे। वह एक धूसर-सा…

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रंगों की फुहार

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** राधा बृषभान की छोरी,प्रेम रंग से खेले होली, मन पर प्रेम र॔ग की पिचकारी,श्याम ने खूब मारी... अंग-अंग,रोम-रोम भीगा,राधा श्याम की होली। गोपियों का महारास,बना गोकुल…

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सीमा

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** सीमाओं के भीतर रहकर, अपने कार्य करते जाओ मंजिल का रख ध्यान सदा, तुम आगे ही बढ़ते जाओ। जीवन में मेहनत करने की, होती नहीं…

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जुल्म और जुर्म

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** जुर्म कर रहे हैं वो जुल्म सह रहे हैं जो, बंध के बंदिशों की बेड़ियों में रह रहे हैं जो। जो तूफानों का कभी मोड़…

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