किया जगत में नाम

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पावन कार्तिक मास में, नानक प्रगटे धाम।सदा किए शुभ कर्म ही, किया जगत में नाम॥किया जगत में नाम, पूजता ये जग सारा।जन्मे भारत भूमि, यही सौभाग्य…

0 Comments

राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुति हेतु आलेख आमंत्रित

मुम्बई (महाराष्ट्र)। वैश्विक हिंदी सम्मेलन (मुंबई) द्वारा 'जनभाषा में न्याय, सूचना, शिक्षा और रोजगार' विषय पर २६ नवंबर शनिवार को प्रातः १० बजे से बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन सभागार (कदम…

0 Comments

आरक्षणःउत्तम, लेकिन अधूरा फैसला

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का कौन स्वागत नहीं करेगा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में १० प्रतिशत आरक्षण का आधार सिर्फ गरीबी होगी। यह १०…

0 Comments

रात तक सराहा गया विराट कवि सम्मेलन

नोरोजाबाद-उमरिया(मप्र)। ६ नवम्बर को नोरोजाबाद में विश्व संभ्रांत समाज एवं लोक संचेतना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में शानदार काव्य…

0 Comments

विश्वकप अब तुम ला दो…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** लहरा-दो, लहरा-दो,दुनिया में तिरंगा लहरा-दो।ट्वेंटी-ट्वेंटी के विश्वकप को,अबकी बार तो घर ला दो॥ ऑस्ट्रेलिया की मैच पिचों पर,विश्वयुद्ध घमासान लड़ो।सेमी और फाइनल को जीतकर,विजय…

0 Comments

सम्मान में १२ को काव्य संध्या

मुम्बई (महाराष्ट्र)। ग़ाज़ियाबाद (उप्र) की सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय कवियित्री डॉ. रमा सिंह के सम्मान में अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन (मुम्बई, महाराष्ट्र) द्वारा काव्य संध्या आयोजित की जा रही है। आयोजक व…

0 Comments

मतवाले पंछी

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** यादों के मखमली पंख लगाकर,मतवाले पंछी आते हैं आँगन मेंखिल जाते हैं मुरझाए पल फिर,लौट आती है बहारें मेरे आँगन में। भोर के मोहक उजाले संग उतरे,आँगन में…

0 Comments

द्वंद में मन

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचनाशिल्प २१२२ २१२२ २१२२ २... वह पथिक क्यों है व्यथित तर ओस से भीगा,यामिनी से कर रहा अठखेलियाँ धींगा।हो रहा उर्वर मृदा मन कुछ तो बोया है,अंकुरित…

0 Comments

वसुधा पावनधाम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धरती आकर्षक बहुत, पाया माता नाम।जो सचमुच अभिराम है, वसुधा पावनधाम॥वसुधा पावनधाम, इसी ने सब कुछ जाया।वसुधा का ही काम, आदमी ने सब पाया॥देख सके नहिं…

0 Comments

भाषा के प्रयोग में जागरुकता अत्यंत आवश्यक-प्रो. जगन्नाथन

हैदराबाद (तेलंगाना)। आज के समय में भाषा के प्रयोग में अराजकता के लिए जागरुकता अत्यंत आवश्यक है। हिंदीतर विद्यार्थियों में ध्वनि, कारक, परसर्ग एवं पदबंध आदि की अनेक चुनौतियाँ हैं।…

0 Comments