मिलते नहीं अब इंसान
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मैं निकला घर की खोज में,अनजान राहों से एक रोज मैंजाते-जाते कई मकान मिले,मिला नहीं घर किसी रोज में। मैंने एक दरवाजा खटखटाया,फिर एक पुरूष…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मैं निकला घर की खोज में,अनजान राहों से एक रोज मैंजाते-जाते कई मकान मिले,मिला नहीं घर किसी रोज में। मैंने एक दरवाजा खटखटाया,फिर एक पुरूष…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* खूबियाँ ख़ामियाँ खुद की पहचानिये।कामयाबी मिलेगी यक़ीं जानिये। इक ख़ुदा की इबादत भली जानिये।ख़ाक दर-दर की हरगिज़ नहीं छानिये। ज़िन्दगी में पहल की ज़रूरत…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** वृक्ष हो चूका है बूढ़ा,लेकिन बूढ़ा होनाहरेक का कर्तव्य हो जैसेबांधी जाती मान-मन्नतेंलगाए जाते हैं फेरेलम्बी उम्र होने के।वृक्ष से ही,लोग आज भी बताते पतेवृक्ष कुछ न…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** तम की काली रात हटाने उजियारा फैलायें।अँधियारा ना रहे कहीं भी, आओ दीप जलायें॥ सूरज उगा नहीं सकते जुगनू तो बन सकते हैं,जग में फैले अंधकार…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** काशी गंगा वाहिनी, करे नाश सब पाप।दीपक जगमग ज्योति तट, जले पाप संताप॥सकल देव रनिवास यह, शूलपाणि रख शूल।काशी वासी शिवमयी, भक्ति प्रेम सुख…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* दीवाली के बाद में, आता है 'ईगास।'करते भेलौ नृत्य हैं, आए सबको रास॥ आता कार्तिक मास में, यह पावन त्यौहार।राम आगमन की खुशी, छाए सब संसार॥…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* दिवाली के मौके पर गरीब से गरीब आदमी भी खाने-पीने की चीजें दिल खोलकर खरीदना चाहता है, लेकिन जो चीजें बाजार में उसे मिलती हैं, उनमें से…
प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** किताब-सा चेहरा रखती थी,यादों के समंदर में बसर करती थीमैं नींद में…या जागा रहूँ…वो जिंदगी के अनगिनत लम्हों को,लफ्जों में बयान करती थी। प्यार के कदमों…
गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** महाकवि कालिदास जी के जन्म व परिवार से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, परन्तु उनको मानने वाले अधिकांश में से कुछ…
दिनेश चन्द्र प्रसाद 'दीनेश'कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* क्यों छोड़ गई हमें तू इतनी जल्दी,मुझे तुम बतलाना प्रिये। जब जाना ही था तो तू आई क्यों ?तुम मुझसे इतना नेह लगाई क्यों…