कर गुज़र जाना है
क्षितिज जैनजयपुर(राजस्थान)********************************************************** मनोवांछित सिद्धि किसको है,मिली कभी मनुहारों से ?जीवन संग्राम गया जीता,कब मन के सुकुमारों से ? आती हुई आपदा को जो, सीना ठोक दिखाते हैं,बनकर ओझल निर्भीक हुए,क्रूर जगत की खाते हैं। जिनके लिये खड़ी पग-पग पर,यातना बड़ी भारी हैं,परिस्थितियों का खेल यह है,निशदिन रहता जारी है। उनमें भी जो दीन भाव भर,संतप्त … Read more