प्रशासन को आचार संहिता से बांधना होगा

ललित गर्गदिल्ली ************************************** प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भले ही प्राथमिकता से सरकारी कामकाज की शैली में पारदर्शिता,तत्परता और ईमानदारी की वकालत की हो,लेकिन आज भी सरकारी कार्यशैली लापरवाह,अनुशासनहीन,भ्रष्ट एवं उदासीन बनी हुई है। आजादी के बहतर सालों के बाद भी आम आदमी शासन-तंत्र की उपेक्षा एवं बेपरवाही के कारण अनेक संकट का सामने करने को … Read more

बजट अच्छा,लेकिन क्रांतिकारी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* देश का वह बजट आदर्श बजट होगा,जो देश के सभी १४० करोड़ लोगों के लिए रोटी,कपड़ा,मकान,शिक्षा और चिकित्सा की न्यूनतम व्यवस्था तो करे। राष्ट्र को परिवार बना दे। इस कसौटी पर किसी भी बजट का खरा उतरना तभी संभव है,जबकि देश के शीर्ष नेताओं के दिल में ऐसा प्रबल संकल्प हो और … Read more

मन जीतने में कामयाब हुई सरकार

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** अंकीय भारत (डिजिटल) के पहले अंकीय बजट में जो भी घोषणाएं हुई हैं,उसके चलते शेयर बाजार में बम-बम, सेंसेक्स-निफ्टी में पहले कभी बजट के दिन इतनी महा तेजी नहीं दिखी। आम जनता को इस बजट में पसन्द आने वाले प्रावधान ज्यादा और निराश करने वाले बहुत कम हैं।अब चर्चा कर लेते … Read more

सरकार को ईमानदार समझौता करना चाहिए

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ************************************************** जयपुर और आगरा के लिए दिल्ली के राजमार्गों की नाकाबंदी के लिए किसान संगठनों के आह्वान के बाद पूरे भारत में तनाव बढ़ गया है। ३ विवादास्पद कृषि विधेयकों के सवाल पर नरेंद्र मोदी सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच समझौता मायावी प्रतीत होता है। राष्ट्रीय राजधानी में कई दौर की बातचीत … Read more

संयम से काम लें भाजपा और ममता

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जगत नड्डा और भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर जो हमला हुआ,उसमें ऐसा कुछ भी हो सकता था,जिसके कारण ममता बनर्जी की सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती थी। यदि श्री नड्डा की कार सुरक्षित नहीं होती,तो यह हमला जानलेवा ही सिद्ध होता। … Read more

नेता और नौकरशाह: भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** ‘ट्रांसपेरेन्सी इन्टरनेशनल’ की ताजा रपट के अनुसार एशिया में सबसे अधिक भ्रष्टाचार यदि कहीं है तो वह भारत में है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इससे गंदा प्रमाण-पत्र क्या मिल सकता है ? इसका अर्थ क्या हुआ ? क्या यह नहीं कि भारत में लोकतंत्र या लोकशाही नहीं,नेताशाही और नौकरशाही है … Read more

राजनीति की गँगा-कितनी मैली

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)***************************************************** आखिर राजनीति में ये सब क्या हो रहा है,राजनीति की गंगा कितनी मैली और विषैली हो गई है। अपने को दूसरों से अलग बताने वाली भाजपा अब अलग नहीं रही,सब दल सत्ता को किसी भी तरह हथियाने के चक्कर में गहरे दल-दल का रूप ले चुके हैं,बाहर कोई नहीं निकल पा रहाl … Read more

लोकतंत्र की चुनावी दीवाली

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) ***************************************************** लोकतंत्र में मतदाता ही चुनाव में दीपावली मनाते हैं। मतदाता ही लोकतंत्र के दीए जलाते हैं और मतदाता ही बुझाते भी हैं। जिस दल या नेता का दीया मतदाता जलाते देते हैं,उसके घर पर दीपावली मनती है और जिसके बुझा देते हैं,उसके घर पर वीरानी छा जाती है।चुनाव आयोग जैसे ही … Read more

आजादी रहे,लेकिन कोई लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन न कर पाए

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** देश के ३४ फिल्म-निर्माता संगठनों ने २ टी.वी. चैनलों और बेलगाम जनसंचार माध्यम के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा ठोक दिया है। इन संगठनों में फिल्मी जगत के लगभग सभी सर्वश्रेष्ठ कलाकार जुड़े हुए हैं। इतने कलाकारों का यह कदम अभूतपूर्व है। वे गुस्से में हैं। कलाकार तो खुद अभिव्यक्ति की … Read more

पंजाब के कृषि कानून से दलालों की बल्ले-बल्ले

राकेश सैनजालंधर(पंजाब)*********************************************** पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस दल की सरकार द्वारा केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पारित अधिनियमों को देख पंचतंत्र की उस कहानी का स्मरण हो उठता है, जिसमें मूर्ख सेवक राजा की नाक से जिद्दी मक्खी को उड़ाने के लिए तलवार से वार करता है,मक्खी उड़ जाती … Read more