बदलेगी दशा व दिशा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** स्वयं घर परिवार नहीं,निरामीष परिवेश। वतनपरस्ती में लगा,है प्रधान इस देश॥ वोट बैंक के जाल में,फँसा धर्म निरपेक्ष। एक धर्म की आड़ में,बँटा देश परिपेक्ष॥ कैसा ये गठजोड़ है,कौन सियासी चाल। आतंकी करता सबल,इच्छुक मालामाल॥ गाली दे दे एक को,न थकते हैं गाल। है प्रधान बस दृढ़ पथी,देश … Read more

हवा हूँ

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** हवा हूँ,हवा हूँ ठंडी हवा हूँ, चलती हूँ ऐसे मस्तानी जैसी। कुदरत ने हमें बनाया पूरी रफ्तार में हमें उड़ाया, कभी खुशिया बाँटी तो कभी गम को बिखेरा। इस जहाँ में आई सरगम लुटाई, चमकी आसमान में धरा पर बूंदें गिराई। कभी दीदार बन के उभरी तो कभी मौसम को बदला, … Read more

कुदरत से ही खेल रहे…

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** कैसे-कैसे हुए प्रदूषण,कैसे हम सब झेल रहे हैं, निजी स्वार्थ में जाने क्यूँ हम,कुदरत से ही खेल रहे हैं। वायु प्रदूषण देखा हमने,और प्रदूषित जल देखा, बीज जो हमनें बोए थे अब,आज उन्हीं का फल देखा। नई-नई बीमारी देखी,नए-नए उपचार दिखे, कहीं-कहीं तो सचमुच ही हम,बिलकुल ही लाचार दिखे। दोष … Read more

फागुन आया

निशा निइ्क ‘ख्याति’ दिल्ली ******************************************************************** अब तो फागुन आया पिया इश्क़ का रंग लगा दे मुझे, अम्बिया पे चढ़ गये मंजर वो इश्क़ का जाम पी आया। क्यों इस क़दर तूने मुझे सताया क्यों इतना बेपरवाह दिखाया, जब जाती हूँ खेतों से अहरारी भी हँसती है। ले के फूल मोहबत के खुद पे इतराती है, … Read more

कुर्ता भले सफेद…जोगीरा सा रा रा रा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** नेता नोटों की गड्डी से खेल रहे हैं खेल, जीवन अपना फीका-फीका मिले नमक ना तेल- जोगीरा सा रा रा रा…। अक्सर क्यों पा जाते कुर्सी दिल के काले चोर, भोली-भाली जनता रोती होकर भावविभोर- जोगीरा सा रा रा रा…। अव्वल दर्जे का है झूठा कुर्ता भले सफेद, उसकी … Read more

इच्छा-हर बेटी की…

भारत भार्गव इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* क्या मैं कोई गुड़िया हूँ, जो किसी को सौंप दी जाऊंगी! चाहती हूँ मैं भी हँसना,खिलखिलाना, सपनों के कोरे कागज पर मनचाहा रंग भरना। आसमां की ऊंचाइयों को छूना, मुझे एक अवसर तो दीजिये। माँ-बापू के सपनों को साकार मैं भी कर सकती हूँ, मिल जाये अगर अवसर तो…! इस देश … Read more

नारी का अभिनंदन

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ राष्ट्र शक्ति नारी शक्ति, देशभक्ति की अग्रिम पंक्ति की पहचान हो आप। नमन आपको, आपके हौंसलों की उड़ान को। जीवनदायिनी, प्रेरणा प्रदायिनी नमन आपको, आपके अभिमान को। नारी,हर रिश्ते के आगे हार करती स्वीकार है, किंतु रणचंडिका रूप धर, अत्याचार का करती प्रतिकार है। देवियों आपकी, महिमा अपरम्पार है। … Read more

माँ का आँचल

मनीषा मेवाड़ा ‘मनीषा मानस’ इन्दौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************************** माँ! मुझे अब भी तेरा आँचल चाहिए, यह दुनिया मुझे बहुत सताती अब भी मुझे बचपन सा दुलार चाहिए, माँ! मुझे अब भी तेरा आँचल चाहिए। प्रेम,करुणा,दया का पाठ तूने सिखाया, अपनों ने उसको झुठलाया मुझे फिर भी सरलता का वो भाव चाहिए, माँ! मुझे अब भी तेरा आँचल … Read more

आमने-सामने

आशुतोष कुमार झा’आशुतोष’  पटना(बिहार) **************************************************************************** तीन रंगों का तिरंगा प्यारा तीन अंगो की सेना है, हवा में दिख रहा परचम हमारा जल-थल अभी बाकी है। हर घर में वीर है यहाँ हर जिस्म में दौडता लहू, जिनको प्राणों से देश प्यारा है रग-रग में बसा कश्मीर प्यारा है। आजाद भारत की कहानी वीरो की गाथा … Read more

सलाम

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ***************************************************************************  सलाम है उनको, जिन्होंने धमाल कर दिया जान की बाजी लगा कर, दुश्मन का तमाम कर दिया। दुश्मन के घर जाकर, दुश्मन को मार गिरा कर इस देह धरा को अमर कर दिया। है तुमको नमन, तुम्हारी शौर्य की गाथा आज फिर अमर हो गई, तुमने अपने साहस का पराक्रम दिखाया। … Read more