घबराना तो ठीक नहीं

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** कोरोना घातक है लेकिन,घबराना तो ठीक नहीं, लापरवाही से यहाँ वहाँ पर,आना-जाना ठीक नहीं। अगर बचोगे खुद ही खुद तो,गैर स्वयं बच जाएंगे- नासमझी में अफवाहों को,यूँ फैलाना ठीक नहीं॥ परिचय-ओमप्रकाश अग्रवाल का साहित्यिक उपनाम ‘बबुआ’ है।आप लगभग सभी विधाओं (गीत, ग़ज़ल, दोहा, चौपाई, छंद आदि) में लिखते हैं,परन्तु काव्य … Read more

याद

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ यादों के सहारे मरकर भी जी जाते हैं हम, जब अपने पुराने दिनों में खो जाते हैं हम। तुम बनते थे कान्हा और मैं राधा रानी- कहते थे आकर जब,चलो रास रचाते हैं हम॥ परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘h हिन्द हाथरसी’ के नाम से जानी जाती हैं। … Read more

प्रेम से मिलते हैं…

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** कहीं-कहीं पर रंग मिलते हैं, कहीं पर मित्रों दिल मिलते हैं। सालों की कटुता कोई मिटाता- प्रेम का पर्व यह प्रेम से मिलते हैं॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय … Read more

मिलना होली है

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** रंगों का मिलना होली है, हृदय मिले हमजोली है। मिलन पर्व मिला सके तो- सच का पर्व ठिठोली है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैl सामाजिक गतिविधि के … Read more

रंग चढ़ने लगा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** होली का रंग चढ़ने लगा है, फगुआ बसंत बढ़ने लगा है। नाचने गाने वाले निकल आये- देखो बसंत खिलने लगा है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैl सामाजिक … Read more

हटा दें ये मज़हब की दीवार

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ लाल लहू की खूनी होली,जल गये सब हाट बाजार, प्रेम-मिलन सौहार्द भाव की,होली फिर से आजा एक बार। होलिका माता से करूँ पुकार,अब की फागुन चमन में बहार- चैन-अमन अरू प्रेम प्यार से,हटा दें ये मज़हब की दीवार॥ परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘h हिन्द हाथरसी’ के नाम … Read more

‘कोरोना’ को हराना है

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** ज्यादा भीड़-भाड़ जहाँ हो,वहाँ हमको नहीं जाना है, हर बार हाथ धोना है,सर्दी-जुकाम से बचाना है। हम सबको सावधानी रखनी है और नहीं अब डरना- हम सभी को मिल-जुल कर ‘कोरोना’ को आज हराना है॥ परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा … Read more

त्यौहार आया है

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** आया बसन्त फूल खिल गए होली का त्यौहार आया है, मधुर तान मिलन की छिड़ती लगो गले ब्यौहार भाया है। खेत-खलिहान फसलों से लदगद पेड़-पौधे कपड़े बदले, हर्ष उल्लास से मद मस्त सभी हैं देखो ऋतुराज छाया है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में … Read more

रंगीन हो जिंदगी

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ होली के रंगों जैसी रंगीन हो आपकी जिंदगी, कभी न हों आप उदास,रंगोली-सी सजी हो जिंदगीl जीवन में बहार रहे,हरी-भरी हो आपकी जिंदगी- ईश्वर की सदैव कृपा रहे,हो खुशहाल जिंदगीll परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘h हिन्द हाथरसी’ के नाम से जानी जाती हैं। स्थाई निवास दिल्ली में … Read more

फाग का छिड़ा राग

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** होली के रंग मिले जब हृदय खिलने लगे, फाग का छिड़ा राग बाल युवा मचलने लगे। विविध रंगों से सजा मिलन पर्व ज्यों आया- मस्ती से झूम-झूम कर होलियारे निकलने लगे॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही … Read more