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समय का सारथी-स्वामी विवेकानन्द

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ 
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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समय का सारथी धर्मध्वजा का अभिमान,
मानव-मानवता की व्याख्या का चिंतन चिंतक महान।

योद्धा पुरोधा युग जीवन मूल्यों का महारथी,
दीप पुंज मशाल कर्म क्रान्ति की काया माया की महिमा गर्व गौरव मान।

उत्कर्ष,उत्कृष्ट युवा ओज तेज पराक्रम का गगन,
गूंज अवनि युग की भाव भावना वर्तमान।

दिग्दर्शक,सन्यासी ब्रह्म ब्रह्मांड का सत्यार्थ प्रकाश पुरुष में पुरुष को ललकारता,
ईश्वर की सत्यता की आत्मा-परमात्मा की परम् शक्ति का युवा शौर्य प्रमाण।

सादगी,सच्चाई का हंस भरत भारत का वंश,
मर्यादा राम की कृष्ण कर्म योग का योगेश्वर ज्ञानेश्वर परमहंस के आत्मबोध का काल कलरव शंखनाद।

मर्म मूल्य की मानव संस्कृति संस्कार का अभ्युदय उत्थान की अवनि-आकाश,
माँ भारती के आँचल में विश्व को समेटता व्यक्ति विश्व विराट।

वीर-वीरता की व्याख्या धीर-धैर्यता की दक्षता अवनि-आकाश का तेज,
पावक की ज्वाला का विज्ञ विज्ञान नीर की निर्झर निर्मल निरंतरता का तूफ़ान।

अविरल अविराम उद्धेश्य का उमंग उत्साह जीवन उर्जा का साक्षात साक्षात्कार युवा की ललकार,
उदय उदित सूरज की लाली रक्त संचार की युवा पुकार का पल प्रहर दिन-रात क्रांति-शान्ति,शांति-क्रांति की आवाज का युवा संस्कृति संस्कार।

नर में नारायण,नारायण से अस्ति अस्तित्व का निर्माण का इंद्र नरेन जन्म जीवन का अनुसंधान अन्वेषक विवेका,
आनंद अनुभूति के आवाहन के योग का योगी सन्यासी परम् पुरुषार्थ।

कर्तव्य-दायित्व की प्रमाणिकता का प्रभा प्रवाह क्रिया प्रकिया से विमुख,
जन्म जीवन को देता नयी पहचान नया आयाम नरेन से विवेका का सत्य अंनंत माहात्म्य।

माँ की महिमा वात्सल्य का वरदान माँ काली का आशीर्वाद,
भाग्य काल भगवान का प्रमाण भय अन्धकार का जनमेजय अजेय युवा की हुंकार।

इच्छा-आकांक्षा के संग्राम समर का महारथी विजेता,
विशिष्ट विशिष्टता विशेष विशेषता की विवशता को त्यागता कर्म तपस्या व्याख्या विधि विविधता का स्वामी।

नियमित नियम अनुशासन शासन अनुशासन,
सयंम निधि से सिद्धी जीवन जन्म सत्कार की चिंगारी अंगार का जोश जोशीला नौजवान।

विश्व युवा बोध की सिंघनाद युग का युवा चमत्कार,
शैली श्रृंखला विवेका युवा आस्तित्व आधार॥

परिचय–एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।

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