हम कितने स्वतंत्र

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)*********************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. अब हमें ७४वें स्वतंत्रता दिवस पर इस बात का गहनता से विचार करना है कि आज तक कितना स्वरूप बदला,बदला भी है,तो दिशा सकारात्मक है क्या ? इतनी अधिक जनसंख्या औऱ विविधता से भरे राष्ट्र में सबको साथ ले कर चलना,बराबर मान-सम्मान देना,किसी की भावनाओं को ठेस न … Read more

खुद को बनाना पड़ेगा भूतपूर्व नौजवान

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** साठ वर्ष से ऊपर के हो गए तो क्या हुआ! अपने को बूढ़ा तो नहीं समझते न,समझना भी नहीं है। क्या कहा-लोग कहते हैं,लोगों की परवाह मत करो, लोगों का काम है कहना। अरे!सेवानिवृत्त ही तो हुए हो,थके तो नहीं। थकना भी नहीं है,जो काम स्वयं कर सकते हो,वह स्वयं … Read more

डरना नहीं,बचना है..

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** ‘कोरोना’ की इतनी अधिक भयानक भयावहता ने तो यह बात तय ही कर दी है कि,आपको इस के डर के व्यापक प्रभाव से लम्बे समय तक घर में ही रहने के लिए अपने -आपको हर हाल में संकल्पबद्ध रखना है। इस डर का हाल देखिए कि इस डर ने,महा डर … Read more

जीत एक लंबे संघर्ष की

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** तारीख पे तारीख,फिर तारीख,तारीख ही तारीख..२६५१ दिन(सात वर्ष तीन माह चार दिन)लम्बा यह तारीखों का सिलसिला २० मार्च की सुबह साढ़े ५ बजे तब थम गया,जब निर्भया के चारों दरिंदे हत्यारे फाँसी के फंदे पर चढ़ा दिए गए। १६ दिसम्बर २०१२ का वो काला दिन,जब गुनहगार उस ‘निर्भया’ का सम्मान … Read more

खुशी में खुशी देखिए

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** हर कोई खुश रहना चाहता है,पर कुछ अपनी खुशी में ही खुश रहना चाहते हैंl दूसरे की खुशी उन्हें उदास कर देती है,कई बार तो हताश कर देती है,करोड़पति-साधन संपन्न लोग अपनी चैन की नींद ही खो बैठते हैंl एकाएक इसी एहसास में खो जाते हैं कि,मेरे पास तो उसके … Read more

मैं,वो और बैंक:सख्ती-सजा जरुरी

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** मैं,अर्थात आप ही की तरह साधारण जन, ग्राहक,उपभोक्ता तथा बैंक का सामान्य कर्मचारी व मध्यम स्तर तक का अधिकारी, जिसे अपनी ईमानदारी से कर्तव्य पालन करते हुए परिवार का भरण-पोषण करना है। ग्राहक व ये कर्मचारी अपनी पूंजी की सुरक्षा व ऋण ले कर जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की … Read more

हमें भी हक़ है

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’  दिल्ली ****************************************************************************** हक़ है,हक़ है,हक़ है! सुनो, हम नारियों को भी हक़ है। है हक हमें भी अपनी ज़िन्दगी को आज़ादी से जीने का, अपने ख़्वाबों को साकार, करने का हमें भी हक़ है। हक़ है,हक़ है,हक़ है!सुनो, हम नारियों को भी हक़ है॥ है हक़ हमें भी जीवन में जैसे चाहें … Read more

लोकतंत्र की मजबूती और कमजोर विपक्ष

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** लोकतंत्र की सफलता,महत्व और उपयोगिता इसी में है कि वहाँ का हर नागरिक स्वयं को व्यवस्था का अटूट हिस्सा अनुभव करे। भारत जैसे विविधताओं से भरे राष्ट्र में यह बात और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।प्रचंड बहुमत यदि आपको शासन अच्छी तरह चलाने का अवसर देता है, अपनी हर … Read more

वाणी का मोल अनमोल

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** किसी ने ठीक ही कहा है-यह सच है कि जीभ में कोई हड्डी नहीं होती,पर यह गलत और अप्रिय बोलने पर आपकी हड्डियां तुड़वा सकती है। शब्दों के भी अपने ज़ायके होते हैं, परोसने से पहले चख लेने चाहिए। चखने में कमी रह जाए,जुबान कड़वी होने के कारण ही भाई-भाई,पति-पत्नी,सास-बहू,देवरानी- … Read more

वक्त की दरकार

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** वक्त की दरकार है, वक्त को समझो तो बेड़ा पार है। वक्त ही वक्त आने पर, तरह-तरह का एहसास करा देता है। वक्त भी न जाने कब मुझे, यह कैसी पहेली दे गया है। उलझ कर रह जाने को जिंदगी, समझने को सारी उम्र दे गया है॥ सब ने खूब … Read more