अधिक सोचना ‘पुण्य कर्म’

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** इसमें कोई दो राय नहीं है कि,अधिक सोचना निस्संदेह हानिकारक होता है,परंतु जब टक्कर असंख्य बलशालियों व प्रभावशालियों से हो रही हो और जेब में फूटी कौड़ी न हो तो उन परिस्थितियों में मात्र अधिक सोचना और उस पर साहसपूर्ण कार्रवाई करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना … Read more

मौन से न्याय सम्भव नहीं

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** मौन से न्याय कदापि सम्भव नहीं है,जबकि यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि मौन रहकर स्वयं द्वारा स्वयं से अन्याय करना है और गीता के उपदेश के अनुसार अन्याय करना और सहना हर दृष्टिकोण से महापाप होता है।भले ही मौन से मन की शक्ति बढ़ती है,और सर्वविदित है … Read more

हौंसला रखिए,हँसने वाले तालियां भी बजाएंगे

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** यह समाज है,जो अंधा-बहरा और लंगड़ा होने के साथ-साथ मनोरोगी भी है। इसकी विशेषता है कि यह जिन पर पहले हँसता है,बाद में उनकी सफलता प्राप्ति पर तालियां भी बजाता है। इसलिए आत्मनिर्भर कर्मठ व्यक्ति कभी हौंसला नहीं गंवाते और साहसी बन कर अपनी मंजिल की ओर यात्रा … Read more

सफलता और चुनौतियाँ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** चुनौतियाँ कुछ भी हों,कर्म के आगे एक न एक दिन नतमस्तक हो ही जाती हैं। यह कर्मवीर की सहनशक्ति व सहनशीलता पर निर्भर है कि,वह अपनी सफलता प्राप्ति के लिए उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में धैर्य का कवच कब तक ओढ़े रखते हैं ?सत्य तो यह है कि चुनौतियों … Read more

हर कर्तव्य का बोध होना आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** बोध होना अति उत्तम है,परंतु बोध क्या होना चाहिए ? वह सृष्टि की संरचनाकर्ता अर्थात ईश्वर के उपरांत सभ्य समाज को गहनता से विचार करते हुए अज्ञानियों को विस्तारपूर्वक समझाना चाहिए।विशेषकर माँ-बाप को अपनी संतान के प्रति जागरूक होने का बोध होना चाहिए। माँ की ममता और बाप … Read more

शिक्षा और न्याय में हिन्दी बेहद आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* सम्पूर्ण शिक्षा नीति का नवीनीकरण हो रहा है,किन्तु जब तक न्यायपालिका में हिन्दी भाषा का प्रयोग नहीं होता,तब तक सब शिक्षा व्यर्थ है। इस पर सशक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को संज्ञान लेकर अहम भूमिका निभानी चाहिए,क्योंकि न्याय का रोना जन्म के साथ ही हो जाता है … Read more

ईश्वर के सबसे करीब होता है कर्मवीर

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ************************************************** निस्संदेह कर्मवीर व्यक्ति ईश्वर के सबसे करीब होता है। बिल्कुल ऐसे जैसे गुरुदेव की आज्ञा का पालन करने वाला शिष्य गुरु के सबसे करीब होता है। उसके मन-मस्तिष्क में समाया रहता है। उसी प्रकार ईश्वर की आज्ञा का पालन करते हुए जो व्यक्ति ईश्वर को साक्षी मानकर कर्म … Read more

विचारों के बिना जीवन सम्भव नहीं

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* बिना विचारों के जीवन तो सम्भव है। सम्भवतः जानवर भी अपना जीवन यापन करते हैं,जबकि जानवरों को विचार नहीं आते,परंतु मानव जीवन विचारों के बिना सम्भव नहीं है। आवश्यक यह भी नहीं है कि मानव आकृतियों में दिखाई देने वाले समस्त इंसान मानव ही हों।विचार मानव जीवन का … Read more

स्वार्थ से दूर रखना चाहिए जीवन

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* हाँ,हमें अपना जीवन स्वार्थ से दूर रखना चाहिए। यही हमारे धर्मग्रंथों की शिक्षा भी है कि,दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवा भाव रखना चाहिए। जिसे जीवन का मूलमंत्र भी कहते हैं। चूंकि,सेवा भाव से विनम्रता एवं सहनशीलता का गुण फलता-फूलता है और जिस व्यक्ति के मन में ममता,करुणा की … Read more

४ पुस्तकों के आवरण का हुआ विमोचन

राँची(झारखंड)। अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम साहित्योदय में नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया है। इसमें अगले ९ दिन तक काव्यपाठ, भजन आदि का सजीव प्रसारण किया जाएगा।शुरुआत में शनिवार को ४ संग्रह के मुख्य आवरण का ऑनलाइन विमोचन किया गया।यह जानकारी अध्यक्ष पंकज ‘प्रियम’ ने दी। आपने बताया कि चारों पुस्तकों को बड़ी मेहनत और … Read more