मन का बैर मिटाइए

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** फागुन का महीना है, रंगों भरा नगीना है उड़ते रंग-गुलाल यहां, बाजे ढोल मृदंग जहां मस्ती भरा त्योहार हुआ, खुशियों का खजाना है…l फागुन का महीना… छल-कपट सब त्यागिए, मन का बैर मिटाइए रंग-बिरंगे फूलों जैसे, हर धर्म के लोग यहां बस प्रेम से गले मिल जाइए, यही तो भाव जगाना … Read more

संग तेरे

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** संग तेरे प्यार की इक राह मिल गई, जिंदगी जीने की पहचान मिल गई। संग तेरे प्यार… कट रहे थे पल हमारे जैसे अंधेरी रात, तुमने जो थामा हाथ ये रोशनी मिल गई। संग तेरे प्यार… तन्हां-तन्हां जी रहे थे घिरकर उदासी में, पाया जो साथ तेरा महफिल मिल गई। संग … Read more

क्या जैविक युद्ध वैज्ञानिक प्रगति का द्योतक ?

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** `राष्ट्रीय विज्ञान दिवस`-२८ फरवरी विशेष……….. प्राचीन काल से ही भारत का विज्ञान,गणित और खगोलशास्त्र बहुत सम्रद्ध रहा है। हम अपने विद्यालयीन समय से ही `विज्ञान के चमत्कार` विषय पर निबंध लिखते आए हैं। आग की खोज,पहिए की खोज,बैलगाड़ी,बस,ट्रेन,हवाई जहाज,रॉकेट की खोज करते हुए मानव ने कब प्रकृति को अपने अधीन … Read more

कभी-कभी चुप रह जाऊं

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** कभी-कभी चुप रह जाऊं, कुछ भी नहीं बात करूं मुझे अकेले रहने दो ना, सब-कुछ पल में भूल जाऊं। कभी-कभी… बैठ कहीं अकेले में, बचपन के मीठे सपनों में गुड्डे-गुड़ियों के खिलौनों से, फिर से वो दिन ले आऊं। कभी-कभी… पूरा महल सजाया मैंने, उस महल में रहती हूँ सबकी बातें … Read more

चरित्र बल

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** शहर के बड़े कालेज में भौतिकी विषय के व्याख्याता पद हेतु छोटे से गाँव के अमन ने भी आवेदन किया था। ३ पद के लिए लगभग ४५ उम्मीदवार आए थे। एक-एक कर सभी के साक्षात्कार के बाद ३ उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया था। सभी उम्मीदवार जा चुके थे,किन्तु … Read more

बसंती-बसंती हुआ ये जहां..

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बसंती-बसंती हुआ ये जहां… सुध अब नहीं है न पूछो कहां! रूकते नहीं पांव मेरे पिया… नाचे खुश हो मेरा जिया…l बसंती… खेतों ने ओढ़ी है धानी चुनर.. पीले-पीले बूटे सजे… जब चलती है ये हवा बेखबर, न पूछो आँचल जाए किधर…! बसंती… पतझड़ से उड़ कर पत्ते गए… शाखों पे … Read more

ज़िंदादिल रहिए

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** कुछ ना कुछ छूटता, ही रहता है जीवन का पर परवाह नहीं करना, जो भी है जैसा भी भी हर हाल में खुश रहना, हमें जिंदादिल होना चाहिए। जो होना है होकर रहेगा, फिर क्यूं चिंता में रहना! जो मन को अच्छा लगे, जिसमें मन को शांति मिले बस उसमें रम … Read more

विश्वास मुश्किल है

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** आजकल इन्सान से कुछ आस मुश्किल है। आदमी पर हो गया विश्वास मुश्किल हैl राह काँटों से भरी है,दूर मंज़िल भी, डगमगा जाएँ कदम,आभास मुश्किल है। क्रोध मत करना कभी परिवार में अपने, फिर हृदय में पा सको आवास मुश्किल है। दोस्त करता हो प्रशंसा सामने तेरे, फर्क दुश्मन-दोस्त … Read more

डोर

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** क़िस्मत की लकीरें, कुछ अजीब होती हैं कैसे कहें चाहती क्या हैं, बंध जाती कहीं और है। क़िस्मत… रिश्तों की डोर मिली, नन्हीं कली समझने लगी फिर उसी में ढलने लगी, होंठों की हँसी छुपने लगी। क़िस्मत… कुछ सपने भी बिखरे, खामोशी में डूबे चेहरे कब होती दिन-रात ये, छाने लगे … Read more

सोचें,आज नहीं तो कल

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** सोचें आज नहीं तो कल। भाग-दौड़ की इस दुनिया में, कितनी मारा-मारी है। भाग रहा दौलत के पीछे,राजा बना भिखारी है॥ खाना-पीना,सुखमय जीना, दौलत सबको प्यारी है। भाग-दौड़ की धमा-चौकड़ी, जीवन घटता है पल-पल॥ सोचें आज नहीं तो कल। रिश्ते-नाते,प्यार-मुहब्बत,तौले जाते हैं धन में। किससे, कैसे मिले फायदा, नित … Read more